West Bengal Assembly: पश्चिम बंगाल विधानसभा से छह बीजेपी विधायकों को सस्पेंड कर दिया गया है. इसमें नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी, अग्निमित्र पाल, शंकर घोष, तापसी मंडल, बंकिम घोष और मिहिर गोस्वामी शामिल हैं. अधिकारी ने कहा है कि ये कार्रवाई संदेशखाली हिंसा के खिलाफ बोलने को लेकर हुई है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, विधायकों का सस्पेंशन विधानसभा के भीतर अनुशासनहीनता और शोर-शराबे भरा व्यवहार करने को लेकर हुआ है.
विधायकों का सस्पेंशन राज्य विधानसभा के नियम 348 के तहत किया गया है. यह प्रस्ताव पश्चिम बंगाल के संसदीय कार्य मंत्री सोवन्देब चट्टोपाध्याय द्वारा पेश किया गया और स्पीकर के जरिए सदन के समक्ष रखा गया. इसके बाद विधायकों के सस्पेंशन का प्रस्ताव पारित हो गया. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विधायक और मंत्री सोवनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा कि छह बीजेपी विधायकों को निलंबित किया जाना चाहिए. विधायकों को वर्तमान सत्र की बची हुई अवधि से निलंबित किया गया है.
संदेशखाली के खिलाफ बोलने का मिला 'गिफ्ट': सुभेंदु अधिकारी
नेता प्रतिपक्ष सुभेंदु अधिकारी ने कहा कि बीजेपी हमेशा महिलाओं के सम्मान को लेकर आवाज उठाती रहेगी. उन्होंने कहा, 'हम संदेशखाली में हुई घटना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. हम लोग सदन के वेल में पहुंचे और अपनी आवाज उठाई.' उन्होंने कहा, 'हालांकि, हमें विधानसभा के मौजूदा सत्र से सस्पेंड कर दिया गया. यह सस्पेंशन हमारे लिए एक गिफ्ट है क्योंकि हम अपनी माताओं और बहनों के सम्मान की रक्षा करने की कोशिश कर रहे थे.'
संदेशखाली में क्या हुआ है?
दरअसल, पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में शनिवार (10 फरवरी) को हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए. यहां स्थानीय महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के फरार चल रहे नेता शेख शाहजहां और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जुलूस निकाला. शेख शाहजहां वही शख्स है, जिसका नाम राशन घोटाले में आया था और जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम उसके यहां छापेमारी के लिए गई तो उस पर हमला कर दिया.
स्थानीय महिलाओं के जुलूस को देखते हुए संदेशखाली में धारा 144 लागू कर दी गई. प्रदर्शनकारी महिलाओं ने आरोप लगाया है कि शेख शाहजहां और उसके गिरोह के लोग महिलाओं का यौन उत्पीड़न करते हैं. वे जमीन के बड़े हिस्से को बलपूर्वक कब्जा भी रहे हैं. महिलाओं ने जब शाहजहां के खिलाफ मोर्चा खोला तो टीएमसी नेता के समर्थक भी सड़क पर उतर आए, जिसके बाद दोनों पक्षों में हिंसक टकराव हुआ. बीजेपी का आरोप है कि यहां मानवाधिकार का उल्लंघन हो रहा है.
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