कोलकाता: पश्चिम बंगाल चुनाव बाद हुई हिंसा में मृतक बीजेपी कार्यकर्ता अभिजीत सरकार के शव का दूसरा शव परीक्षण करने के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है.


राज्य विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद बंगाल में हिंसा के एक मामले में अभिजीत सरकार को कथित तौर पर पीटकर मार डालने के आरोप में नारकेलडांगा पुलिस थाने ने हिंद मोटर से संजय बसाक और सुफल बोस नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.


अभिजीत सरकार के शरीर की दूसरी शव परीक्षा का कोर्ट ने आदेश दिया


शुक्रवार को, कलकत्ता हाई कोर्ट ने बीजेपी कार्यकर्ता अभिजीत सरकार के शरीर की दूसरी शव परीक्षा का आदेश दिया था, जिसकी कथित तौर पर 2 मई को कोलकाता के नारकेलडांगा में भीड़ द्वारा गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी. शव 66 दिनों से आरजी कर अस्पताल में सुरक्षित रखा गया है.


कलकत्ता हाई कोर्ट ने आगे आदेश दिया था कि दूसरा शव परीक्षण कमांड अस्पताल में किया जाना चाहिए, जिसमें एनएचआरसी प्रतिनिधि की उपस्थिति हो, ना कि किसी राज्य सरकार के अस्पताल. मृतक के भाई बिस्वजीत सरकार को आज शव की शिनाख्त के लिए तलब किया जाएगा जिसके बाद शव को कमांड अस्पताल भेजा जाएगा.


हमलावरों ने अभिजीत के गले में केबल टीवी का तार डाल मौत के घाट उतारा- बिस्वजीत सरकार 


मई में सुप्रीम कोर्ट का रुख करने वाले बिस्वजीत सरकार याचिकाकर्ताओं में से एक हैं, जिन्होंने बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा के कृत्यों की जांच की प्रार्थना की. उन्होंने आगे कहा कि टीएमसी समर्थकों ने उनके घरों और नारकेलडांगा इलाके में स्थित एक बीजेपी कार्यालय में तोड़फोड़ की.


उसने दावा किया कि हमलावरों ने अभिजीत के गले में केबल टीवी का तार डाल दिया और उसे तब तक सड़क पर ले गए जब तक उसकी मौत नहीं हो गई. उन्होंने कहा कि उनकी मां के साथ भी मारपीट की गई. यह घटना टीएमसी उम्मीदवार परेश पाल के विजेता घोषित होने के तुरंत बाद हुई.


पीठ ने विशेष रूप से कहा, "रिपोर्ट में शरीर की स्थिति के बारे में उल्लेख किया जाएगा कि क्या इसे अस्पताल में ठीक से संरक्षित किया गया था जहां यह था" बीजेपी नेता और वकील, प्रियंका टिबरेवाल के अनुसार, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और जस्टिस आईपी मुखर्जी, हरीश टंडन, सौमेन सेन और सुब्रत तालुकदार की पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने राज्य पुलिस को एनएचआरसी की सिफारिशों के आधार पर बयान दर्ज करने का आदेश दिया था. राज्य सरकार प्रभावित परिवारों को चिकित्सा उपचार और राशन उपलब्ध कराए.


चुनाव के बाद की हिंसा पर एनएचआरसी की रिपोर्ट में कई मामले शामिल


टीएमसी सरकार को शुक्रवार को उस समय झटका लगा जब कलकत्ता हाई कोर्ट ने बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की रिपोर्ट पर संज्ञान लिया, जिसमें हत्या, बलात्कार और आगजनी के दावे शामिल थे.


सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने कहा कि अभिजीत सरकार की हत्या पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है. बेंच ने कहा कि वह सिर्फ दूसरे शव परीक्षण का आदेश दे रही थी और उसके पास कोई और निर्देश नहीं था.


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