नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कथित ऑडियो टेप के लीक होने के बाद बीजेपी को इसका कितना फायदा होगा, यह कहना मुश्किल है लेकिन इससे तृणमूल कांग्रेस को खासी मुश्किल हो सकती है. हालांकि चुनाव के दौरान ऐसी ऑडियो टेप आना कोई नई बात नहीं है और इतिहास बताता है कि हर चुनाव में किसी एक पार्टी के नेता के ऐसे रिकार्डेड बयानों या जानबूझकर की गई बातचीत को विरोधी पार्टी मीडिया में जमकर उछालती है. लेकिन बड़ा सवाल यही उठता है कि उस राज्य के वोटर इसे कितनी गंभीरता से लेते हैं और उस पर किस हद तक यकीन करते हैं.


वैसे यह मामला ममता के लिये जितना नाजुक है, उससे कहीं ज्यादा प्रशांत किशोर के लिए भी खतरे का संकेत है. अगर तृणमूल की पराजय होती है, तब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को दोबारा यह सोचना पड़ेगा कि अगले साल होने वाले चुनाव के लिए उन्हें अपना रणनीतिकार बनाने का फैसला क्या सही है?


बीजेपी ने प्रशांत किशोर की जिस ऑडियो टेप को सार्वजनिक किया है, उसे लेकर प्रशांत ने तर्क दिया है कि उनकी आधी-अधूरी बातों को मीडिया में उजागर करके बंगाल के मतदाताओं को गुमराह करने की डर्टी पॉलिटिक्स खेली गई है. हो सकता है कि उनकी बात कुछ हद तक सही भी हो लेकिन इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता कि तृणमूल कांग्रेस के कई उम्मीदवार पीके की टीम की कार्यशैली से नाराज बताये जाते हैं.


सूत्रों की मानें, तो हाल ही में कोलकाता की एक हाई प्रोफाइल सीट से तृणमूल के एक उम्मीदवार के नामांकन भरने और उस दौरान मीडिया के मिस मैनेजमेंट पर भी उनकी खासी आलोचना हो चुकी है. बताते हैं कि उन्होंने अपनी पार्टी की सुप्रीमो ममता तक भी यह शिकायत पहुंचाई कि "वे अहंकार में रहने वाले बड़बोले हैं, जो किसी और की बात या सुझाव मानने को तैयार नहीं, तो अंदाज लगा सकते हैं कि वे हमारी पार्टी को कितना फायदा पहुंचा पायेंगे.


उल्लेखनीय है कि प्रशांत की लीक हुई ऑडियो में उन्होंने कथित तौर पर कहा है कि तृणमूल कांग्रेस के आंतरिक सर्वेक्षणों से पता चलता है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत होने वाली है. भाजपा ने यह दावा शनिवार को किया क्योंकि उसने इनवाइट-ओनली चैट ऐप क्लब हाउस पर किशोर की टिप्पणियों की कथित ऑडियो क्लिप जारी की, जहां उन्होंने चुनिंदा पत्रकारों के साथ सार्वजनिक बातचीत की थी.


भाजपा की आईटी सेल के इंचार्ज व पश्चिम बंगाल में पार्टी के सह प्रभारी अमित मालवीय ने चार ऑडियो क्लिप को कई ट्वीट्स के जरिये जारी किया है. उनका यह एक ट्वीट सबसे ज्यादा अहम है जिसमें उन्होंने कहा, ‘क्लब हाउस पर सार्वजनिक बातचीत में ममता बनर्जी के चुनाव रणनीतिकार मानते हैं कि टीएमसी के आंतरिक सर्वेक्षणों में भी बीजेपी जीत रही है. वोट, मोदी को मिल रहा है, ध्रुवीकरण एक वास्तविकता है, अनुसूचित जाति जो कि पश्चिम बंगाल की आबादी का 27% है और इसके साथ ही मटुआ लोग सभी भाजपा को वोट दे रहे हैं!


हालांकि, इस ट्वीट के तुरंत बाद ही प्रशांत किशोर ने सफाई दी कि उनकी चैट से बीजेपी नेताओं ने चुनिंदा टिप्पणियों को चुना है और बातों को गलत तरीके से पेश किया गया है. इस ऑडियो क्लिप को बीजेपी के राज्य के तमाम नेताओं द्वारा उस वक़्त शेयर किया गया, जब आज विधानसभा की 44 सीटों के लिए मतदान हो रहा था.


भाजपा द्वारा जारी कथित क्लिप्स में प्रशांत किशोर को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता पश्चिम बंगाल में बढ़ती जा रही है. उन्हें यह कहते हुए भी सुना जा सकता है कि मोदी हिंदी भाषी समुदाय के बीच लोकप्रिय हैं और यह भी कि मटुआ समुदाय भी भाजपा के लिए मतदान करेगा पर, ‘एकजुट होकर नहीं’ जैसा कि उन्होंने 2019 में किया था. हालांकि सत्तारूढ़ टीएमसी के लिए चुनावी रणनीतिकार यह कहते हुए भी सुने जा सकते हैं कि भाजपा के मतदाता पार्टी के समर्थन में ज्यादा मुखर हैं और वामदलों में से भी कुछ चाहते हैं कि भाजपा सत्ता में आए ताकि वे ‘अपना कारोबार’ चलाते रहें, यही वजह है कि ‘बहुमत’ की धारणा को बनाया जा रहा है.


चुनावी दंगल में जब ऐसा कोई करामाती दांव किसी पार्टी के हाथ लग जाता है,तो जाहिर है कि उसके जरिये पूरी बाजी पलटने का उसका सपना कुछ हद तक पूरा होते दिखने लगता है.यही वजह है कि भाजपा इन क्लिप्स को अपनी जीत के लिए टीएमसी के कबूलनामें के तौर पर शेयर कर रही है.