West Bengal Budget Session 2023: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रदेश में कानून व्यवस्था को सुधारने को लेकर काफी गंभीर नजर आ रही हैं. प्रदेश में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से अब और सख्ती से निपटा जाएगा. इसके लिए टीएमसी सरकार ने मंगलवार (21 फरवरी) को विधानसभा में पश्चिम बंगाल मेंटेनेंस ऑफ पब्लिक ऑर्डर विधेयक 1972 में संशोधन करने वाला बिल पेश किया है. इस बिल में सार्वजनिक व्यवस्था को बनाए रखने वाला कानून और अधिक ताकतवर बनाने की कोशिश की गई है.


यह सरकारी संपत्ति को नष्ट करने से रोकने के लिए एक कानून है. जानकारी के मुताबिक, इस कानून के तहत सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले अभियुक्त से ही नुकसान की रकम वसूली जाएगी. इसके लिए अभियुक्त की संपत्ति की कुर्की का प्रावधान है. पश्चिम बंगाल मेंटेनेंस ऑफ पब्लिक ऑर्डर (संशोधन) विधेयक 2023 में सार्वजनिक व्यवस्था, राजस्व और लोक कल्याण को बनाए रखने के उद्देश्य से पीड़ित को मुआवजा प्रदान करने के लिए अभियुक्त की संपत्ति को कुर्क करने का प्रावधान है.


क्यों लाया गया यह कानून?


इस विधेयक को लाने के पीछे सबसे बड़ा कारण कुछ असामाजिक तत्वों की ओर से आंदोलन के नाम पर राज्य में आगजनी, लूटपाट और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की कई घटनाएं हैं. विधेयक का एक महत्वपूर्ण हिस्सा यह है कि इसमें उक्त अधिनियम के तहत कुर्क की गई संपत्ति को सार्वजनिक नीलामी में बेचकर इसके तहत एक योजना बनाकर पीड़ित को मुआवजे का भुगतान करने का प्रावधान है.


लोकायुक्त (संशोधन) बिल भी पेश


सरकार ने द वेस्ट बंगाल लोकायुक्त (अमेंडमेंट) बिल 2023 को भी विधानसभा में पेश किया. इस बिल में पश्चिम बंगाल के लोकायुक्तों के कार्यकाल को बढ़ाने की शक्तियां दी गई हैं. बता दें कि आम तौर पर लोकायुक्त की नियुक्ति तीन साल के लिए होती है लेकिन इस कानून के चलते लोकायुक्त की सेवा अवधि बढ़ाई जा सकती है. हालांकि लोकायुक्त के 70 वर्ष की आयु तक पहुंचने के बाद उसका कार्यकाल बढ़ाया नहीं जा सकता है. राज्य की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने इन विधेयकों को पेश किया.


भूमि सुधार अधिनियम में संशोधन


ममता सरकार ने एक अन्य विधेयक भी पेश किया, जो पश्चिम बंगाल भूमि सुधार अधिनियम 1955 में संशोधन करने का प्रयास करता है. इससे जमीन के व्यवसाय करने में आसानी, भूमि के झंझट मुक्त हस्तांतरण/गिरवी रखने और अधिक निवेश आमंत्रित करने के लिए पट्टेदार को सरकारी भूमि के फ्रीहोल्ड हस्तांतरण का एक अतिरिक्त विकल्प प्रदान किया जा सके. इस कानून में पहले भी कई बार संशोधन किया जा चुका है. हालांकि आजादी के बाद भूमि पट्टा कानून में यह पहला संशोधन है. यह दावा किया जा रहा है कि इससे लाखों लोगों और विभिन्न उद्योगों को फायदा होगा.


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