बंगाल बीजेपी अध्यक्ष के बिगड़े बोल, 'जब BJP मारती है तो वह अस्पताल नहीं सीधे श्मशान पहुंच जाता है'
दुर्गापुर शहर के उखड़ा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने विवादित बयान दिया. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी जब किसी को मारती है तो वह अस्पताल नहीं सीधे श्मशान पहुंच जाता है.
कोलकाताः 2019 लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पूरी कोशिश में जुटी हुई है. इसी क्रम में राज्य इकाई के नेता अलग-अलग क्षेत्रों में ताबड़तोड़ रैलियों को संबोधित कर रहे हैं और पार्टी की जनाधार बढ़ाने की कोशिश में लगे हुए हैं. प्रदेश बीजेपी के बड़े नेता न सिर्फ रैली कर रहे हैं बल्कि इसके जरिए अपने विरोधियों पर आक्रामक रुप से हमला भी बोल रहे हैं और विवादित बयान भी देने से नहीं चूकते हैं.
दुर्गापुर शहर के उखड़ा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि हमारी पार्टी जब किसी को मारती है तो वह अस्पताल नहीं सीधे श्मशान पहुंच जाता है.
टीएमसी के विधायक जितेंद्र तिवारी के बयान के बाद दिलीप घोष ने उनपर बिना नाम लिए पलटवार किया है. पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ''बीजेपी जब किसी को मारती है तो वह अस्पताल नहीं सीधे श्मशान पहुंच जाता है. हम मारेंगे यहां लेकिन लाश यहां-वहां गिरेगा." पूरी रैली के दौरान दिलीप घोष काफी तेवर में दिखे.
टीएमसी के विधायक ने दिया था विवादित बयान दिलीप घोष ने नाम लिए बगैर जितेंद्र तिवारी के उस बयान का हवाला देते हुए कहा कि स्थानीय विधायक कहते हैं कि वे इस तरह से पिटाई करेंगे कि हमें 6 महीने तक अस्पताल में रहना पड़ेगा. अस्पताल से आने के बाद तो फिर हम उठ खड़े होंगे लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि जब हम किसी की पिटाई करते हैं तो वो अस्पताल नही सीधे श्मशान पहुंच जाता है.
इससे पहले जितेंद्र तिवारी ने कहा था, "अगर वे दोबारा पश्चिम बर्दवान जिले में आकर इस तरह की हरकत करने की कोशिश करते हैं तो इस तरह से पिटाई की जाएगी कि कम से कम 6 महीने तक अस्पताल में पड़े रहेंगे."
बीजेपी की रैली में हुई थी मारपीट बता दें कि घोष ने कई नेताओं के साथ मिलकर दुर्गापुर में एक जनसभा को संबोधित किया था. इस जनसभा की अनुमति प्रशासन ने नहीं दी थी. जिसके बाद भी बीजेपी के नेताओं ने रैली जनसभा को संबोधित किया था. इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं और सिविक वॉलिंटियर के बीच मारपीट हो गई थी.
घोष की रैली के 2 दिनों बाद टीएमसी के विधायक जितेंद्र तिवारी ने दुर्गापुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बीजेपी को चैलेंज दिया था. उन्होंने कहा था कि अगर वे दोबारा पश्चिम बर्दवान जिले में आकर इस तरह की हरकत करने की कोशिश करते हैं तो इस तरह से पिटाई की जाएगी कि कम से कम 6 महीने तक अस्पताल में पड़े रहेंगे.
राज्य में कैसा है बीजेपी का जनाधार बता दें कि 2019 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी सूबे में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीते इसके लिए पूरी कोशिश कर रही है. राज्य में 42 लोकसभा सीट हैं. यहां से बीजेपी मात्र 2 सासंद हैं जबकि 34 सीटों पर फिलहाल टीएमसी का कब्जा है.
वहीं 295 विधानसभा सदस्यों वाले इस राज्य में टीएमसी के पास 213 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के पास 42 विधायक हैं. सीपीएम के पास 26 विधायक हैं तो बीजेपी के तीन उम्मीदवार विधानसभा पहुंचे थे.
गंगा में जहाज से शुरू होगी माल ढुलाई, कोलकाता से बनारस पहुंचा पहला शिपः पीएम मोदी करेंगे लोकार्पण