पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सियासी बयानबाजी जोरों पर है. एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगातार सियासी दल लगातार निशाना साध रहे हैं. पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए लोगों से अपनी सुरक्षा खुद करने की अपील कर रहे हैं. एबीपी न्यूज के साथ बात करते हुए शुक्रवार को घोष ने कहा कि एक महिला के साथ राज्य में बलात्कार होता है और उसे रातभर में थाने में बिठा कर रखा जाता है और फिर रिपोर्ट तक नहीं लिखी जाती है. उसके बाद मुख्यमंत्री उस महिला के चरित्र पर सवाल खड़े करती हैं
बंगाल बना अफगानिस्तान
दिलीप घोष ने सवाल करते हुए पूछा कि दुर्गापूजा के विसर्जन की अनुमति नहीं मिले तो हिन्दू समाज कहां पर जाएगा. उन्होंने कहा कि अस्तित्व बचाने के लिए क्या करें, बलिदान देते जाएं क्या? बंगाल बीजेपी अध्यक्ष ने कहा- हम लोकतंत्र नहीं छीन रहे किसी का, हमें अपने जीवन की सुरक्षा का अधिकार है. बंगाल अफगानिस्तान बन चुका है, तो फिर ऐसे में लोग क्या करें.
मेरे ऊपर 10 बार हुए हमले-दिलीप घोष
पश्चिम बंगाल सरकार को कानून व्यवस्था को लेकर आड़े हाथों लेते हुए दिलीप घोष ने कहा कि हमें हिंसा का पाठ पढ़ाया जाए और हमारी बलि दी जाए ये मंजूर नहीं. उन्होंने कहा कि जब आपके घर में आग लगेगा तो पता चलेगा कि आग क्या होती है. उन्होंने कहा कि हथियार बहुत लोगों ने उठाया है, कभी ये सवाल उठा है कि कितने लोगों ने बलि दी है? उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर 10 बार हमले हुए हैं. इसी वजह से सरकार ने उन्हें सुरक्षा दी है. लेकिन सभी के लिए सुरक्षा व्यक्तिगत तौर पर देना संभव नहीं है.
जाहिर है, ज्यों-ज्यों बंगाल में विधानसभा चुनाव पास आ रहा है सियासी पार्टियों के हमले तीखे होते जा रहे हैं. विपक्षी दल जहां राज्य की कानून-व्यवस्था का हवाला देकर ममता सरकार पर हमले कर रहे हैं तो वहीं सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस इसे विपक्ष की तरफ से राज्य सरकार को बदनाम करने की एक साजिश बता रही है.
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