सिलीगुड़ी: पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में बीजेपी ने आज कार्यकर्ता की मौत के बाद उत्तर बंगाल में 12 घंटे बंद बुलाया है. इससे पहले कल भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की तरफ से ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ सिलीगुड़ी में आहूत प्रदर्शन के हिंसक रूप ले लेने के बाद उसे शांत करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और पानी की बौछारों का इस्तेमाल करना पड़ा. इस दौरान बीजेपी के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई थी. अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान कई प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी संघर्ष में जख्मी हुए.
बंगाल में लगे राष्ट्रपति शासन- बीजेपी
बीजेपी ने आरोप लगाया कि उल्लेन राय नाम के पार्टी कार्यकर्ता को पुलिस कर्मियों ने लाठीचार्ज के दौरान "पीट-पीट कर मार डाला.’’ बहरहाल, पुलिस ने दावा किया कि कोई लाठीचार्ज नहीं हुआ और प्रदर्शनकारी की मौत के कारण का पता लगाया जा रहा है. बीजेपी ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की है और "कानून और व्यवस्था के" चरमरा जाने का आरोप लगाते हुए पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की.
बीजेपी कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झड़प
तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के ‘‘कुशासन’’ के खिलाफ राज्य सचिवालय की शाखा ‘उत्तरकन्या’ की ओर बढ़ने का प्रयास कर रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं की सिलीगुड़ी में दो स्थानों पर पुलिस के साथ झड़प हुई. भाजयुमो ने दो विरोध मार्च निकाले थे. भाजयुमो ने आरोप लगाया कि उत्तर बंगाल के लोगों से किए गए वादों को सरकार ने पूरा नहीं किया और सरकार द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम आदमी तक नहीं पहुंचा. प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया. कुछ प्रदर्शनकारियों ने इलाके में लगाए गए बांस के बैरिकैड को आग के हवाले कर दिया.
फुलवारी बाजार में एक रैली का नेतृत्व करने वाले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ‘‘बीजेपी के उभार’’ से डरकर सरकार दमनकारी नीति अपना रही है. घोष ने आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन ने लोकतांत्रिक प्रदर्शन को रोकने के लिए पूरे सिलीगुड़ी में कई स्थानों पर बैरिकैड लगा दिए. तीन बत्ती मोड़ के पास दूसरी रैली का नेतृत्व बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने किया और इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की घेराबंदी के दो स्तरों को तोड़ दिया, हालांकि वे तीसरी घेराबंदी को तोड़कर आगे नहीं बढ़ पाए. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर रंगीन पानी की बौछार की.
पार्टी कार्यकर्ता पुलिस कार्रवाई में जख्मी हुआ था- घोष
बीजेपी सूत्रों ने बताया कि विजयवर्गीय के बीमार पर पड़ने पर उन्हें और सूर्या को उनके सुरक्षा गार्ड गाड़ी में बैठा ले गए. घोष ने बाद में दावा किया कि पार्टी कार्यकर्ता पुलिस कार्रवाई में जख्मी हुआ था और एक स्थानीय अस्पताल में उसकी मौत हो गई. उन्होंने कहा, " हमारे एक कार्यकर्ता उल्लेन राय को पुलिस ने बेरहमी से पीटा, उनकी यहां एक अस्पताल में मौत हो गई. बीजेपी के कई अन्य कार्यकर्ता जख्मी हुए हैं और अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है."
पश्चिम बंगाल पुलिस ने ट्विटर पर कहा, " एक राजनीतिक पार्टी के समर्थकों ने अपने प्रदर्शन के दौरान हिंसा का गंभीर कृत्य किया. उन्होंने आगजनी की, पथराव किया, गोलीबारी की और सरकारी संपत्ति की तोड़फोड़ की." एक अन्य ट्वीट में पुलिस ने कहा, " पुलिस ने संयम बरता और लाठीचार्ज नहीं किया या गोली नहीं चलाई. हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सिर्फ पानी की बौछारों और आंसू गैस का इस्तेमाल किया. बहरहाल, एक व्यक्ति की मौत रिपोर्ट की गई है. शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जा रहा है. पोस्टमॉर्टम के बाद ही मौत के सटीक कारण का पता चल पाएगा."
राज्य में कानून व्यवस्था चरमरा गई है- विजयवर्गीय
बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए विजयवर्गीय ने दावा किया कि राज्य में "कानून व्यवस्था चरमरा गई है" और उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की. बीजेपी नेता ने आरोप लगाया, " पश्चिम बंगाल में पुलिस का अपराधीकरण हो गया है." उन्होंने आरोप लगाया, " शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर जिस तरह से हमला किया गया है, वह दिखाता है कि राज्य के तंत्र का पूरी तरह से राजनीतिकरण हो गया है." सूर्या ने आरोप लगाया कि पुलिस ने पत्थर फेंके और "तृणमूल कांग्रेस के गुंडे" उनके साथ मिल गए और उन्होंने देसी बम फेंके. उन्होंने कहा, "यह तानाशाही जारी नहीं रह सकती है. इस अलोकतांत्रिक, अत्याचारी सरकार को बेदखल करने के लिए हम सभी लोकतांत्रिक ताकतों से साथ आने का आह्वान करते हैं." भाजयुमो के प्रदेश प्रमुख सौमित्र खान ने कहा कि कम से कम 50 प्रदर्शनकारी जख्मी हुए हैं और समूचे राज्य में "पुलिस के अत्याचार" के खिलाफ आंदोलन शुरू करने की धमकी दी.