कैलाश विजयवर्गीय ने बताई आपबीती, बोले- सुरक्षाकर्मी नहीं होते तो पता नहीं जिंदा होते भी या नहीं
अपनी आपबीती बताते हुए कैलाश विजयवर्गीय कहा कि एक दिन पहले ही रात के समय वहां पर करीब दस हजार की संख्या में लोग इकट्ठा हो गए थे. उन्होंने इस बारे में आगे भी इत्तिला की था और उन्हें अंदेशा था कि ऐसी कोई घटना हो सकती है. हालांकि, उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी सुबह आए थे कि वे उन्हें लेकर चलेंगे.
पश्चिम बंगाल में गुरुवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले हुए हमले के दौरान घायल हुए बंगाल बीजेपी के प्रभारी और बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने उस खौफनाक मंजर को बयां करते हुए बताया कि अगर उस वक्त सुरक्षाकर्मी साथ नहीं होते तो पता नहीं जिंदा बचते भी या नहीं. उन्होंने कहा कि जिस वक्त हम पर हमले किए जा रहे थे, ऐसा लग ही नहीं रहा था कि हम अपने देश के अंदर है.
पहले ही था घटना का अंदेशा
एबीपी न्यूज पर अपनी आपबीती बताते हुए उन्होंने कहा कि एक दिन पहले ही रात के समय वहां पर करीब दस हजार की संख्या में लोग इकट्ठा हो गए थे. उन्होंने इस बारे में आगे भी इत्तिला की थी और उन्हें अंदेशा था कि ऐसी कोई घटना हो सकती है. हालांकि, उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी सुबह आए थे कि वे उन्हें लेकर चलेंगे.
कैलाश विजयवर्गीय ने आगे कहा कि हम पर अचानक पत्थरों की बरसात हो गई. इस दौरान अभिषेक बैनर्जी के नारे लग रहे थे. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले के दौरान क्योंकि उनकी गाड़ी पीछे थी इसलिए उन्हें भी चोट आई और काफी गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुई. उन्होंने कहा कि मेरी गाड़ी के कांच के शीशे भी टूट गए.
राष्ट्रपति शासन लगने के बाद ही हो चुनाव
बीजेपी महासचिव ने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस की निगरानी में विधानसभा चुनाव निष्पक्ष कराए जाने पर उन्हें शक है. उन्होंने कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगे या फिर चुनाव आयोग इसे सुनिश्चित करें और केन्द्रीय बलों की तैनाती की जाए.
उन्होंने कहा कि बंगाल सीमावर्ती प्रदेश है जहां से हथियार आ रहा है, आतंकवाद आ रहा है, नकली नोट आ रहा है. देश के लिए बंगाल को जीतना बहुत जरूरी है. बीजेपी महासचिव ने आगे कहा कि जिस तरह से बीजेपी अध्यक्ष को नवाजा है, मैं समझता हूं बंगाल की एक भी जनता खुश नहीं होगी. डेमोक्रेसी में जनता बदला लेती है, हम इंतजाम करेंगे. बंगाल जीतने के लिए कितना बलिदान देना होगा, उसके लिए हम तैयार हैं. हम चाहते हैं कि आने वाले समय में जनता इसका जवाब दे.
गौरतलब है कि राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ममता सरकार पर निशाना साधा. उधर, गुरुवार की घटना को लेकर गृह मंत्रालय ने राज्य के राज्यपाल से रिपोर्ट तलब की है. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले जहां बीजेपी चुनाव अभियान तेज करने की कोशिश में है तो वहीं लगातार इस तरह की घटनाएं सामने आ रही है. हालांकि, एक दिन पहले खुद ममता बनर्जी ने बीजेपी अध्यक्ष के काफिले पर हुए हमले को बीजेपी की नौटंकी करार दिया.
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