पश्चिम बंगाल में मंगलवार को पार्टी पदाधिकारियों की कोलकाता में संगठनात्मक उच्चस्तरीय बैठक हुई. पिछले महीने बंगाल विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद हुई इस बैठक के दौरान पार्टी के कई बड़े चेहरे नदारद रहे. हालांकि, मुकुल रॉय और राजीव बनर्जी के इस बैठक में हिस्सा नहीं लेने के बाद उनको लेकर सियासी अटकलें तेज हो गई हैं.


वैसे बंगाल बीजेपी अध्यक्ष ने इस पर फौरन प्रतिक्रिया देते बैठक के दौरान सीनियर नेताओं की गैर-मौजूदगी के बारे में बताया कि ये कोई चिंता की बात नहीं है. उन्होंने स्पष्ट किया कि बीजेपी उपाध्यक्ष मुकुल रॉय इसलिए बैठक में नहीं आ पाए क्योंकि उनकी पत्नी बीमार हैं. जबकि प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य के पिता का निधन हो गया है. तो वहीं टीएमसी में मंत्री रहे और बाद में बीजेपी में आए राजीव बनर्जी व्यक्तिगत कारणों में बैठक में उपस्थित नहीं हो पाए.


राजीव बनर्जी विधानसभा चुनाव से पहले यानी जनवरी 2021 तक बीजेपी में शामिल होने से पहले बंगाल के वन मंत्री थे. पिछले कुछ हफ्तों से वह सामने आने से बच रहे हैं. बैठक के दौरान उनकी गैर-मौजूदगी के चलते उनके पाला बदलने की अटकलें और तेज हो गई है.


पिछले हफ्ते मुकुल रॉय के बेटे सुभ्रांशु रॉय ने ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के अस्पताल पहुंचकर उनके कोविड संक्रमित मां के हालचाल लेने के बाद बंगाल सीएम को धन्यवाद किया था. इसके साथ ही उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा था- 'यह समय की जरूरत है.' मुकुल रॉय खुद 2017 में बीजेपी आने से पहले तक टीएमसी के संस्थापक सदस्य रहे. उन्होंने बीजेपी का बंगाल में प्रभुत्व बढ़ाया.


बैठक से इतर, बीजेपी नेता राजीव बनर्जी ने ट्विटर का सहारा लेते हुए यह कहा था कि चुनाव बाद भड़की हिंसा की वजह से बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाना यह जनादेश का अपमान होगा. बीजेपी नेता ने ट्वीट करते हुए कहा था- आलोचना के साथ पर्याप्त. जनता ने बहुमत से सरकार चुनी है, अगर धारा 365 के खतरे से मुख्यमंत्री का लगातार विरोध किया गया तो वे इसे अच्छी तरह से नहीं लेंगे.






 


जिस वक्त बंगाल बीजेपी संगठनात्मक बैठक में व्यस्त थी उस समय पश्चिम बंगाल विधानसभा प्रतिपक्ष के नेता शुवेदु अधिकारी जिन्होंने नंदीग्राम में ममता बनर्जी को हराया वे बीजेपी के शीर्ष नेता केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ राज्य से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर रहे थे.






 


मुकुल रॉय ने हालांकि कहा कि उन्हें बैठक के बारे में नहीं सूचना दी गई थी और व्यक्तिगत कारणों की वजह से उसमें मौजूद नहीं हो पाते. बैठक में पार्टी के बड़े नेताओं की गैर-मैजूदगी ने सियासी अटकलों को बढ़ाकर रख दिया है.


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