पुलिस के लाठीचार्ज में घायल हुए बंगाल BJP अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, ऑक्सीजन मास्क लगाकर हॉस्पिटल ले गए कार्यकर्ता
Sukanta Majumdar Injured: संदेशखाली में पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के दौरान बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजुमदार पुलिस लाठीचार्ज में घायल हो गये हैं. कई अन्य कार्यकर्ता भी जख्मी हुए हैं.
BJP Protest In Bengal: संदेशखाली हिंसा के खिलाफ उत्तर 24 परगना के बशीरहाट में एसपी दफ्तर के बाहर धरना-प्रदर्शन के दौरान पश्चिम बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार की पुलिस से झड़प हो गई. आरोप है कि पुलिस लाठी चार्ज में वह घायल हो गए हैं.
धरना-प्रदर्शन के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पहले बैरिकेड तोड़ा. तब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की शुरू हो गई. इसी दौरान पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं की झड़प में सुकांत मजूमदार भी घायल हो गए.
पुलिस ने वॉटर कैनन का किया इस्तेमाल
पुलिस ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को काबू में करने के लिए वॉटर कैनन चलाई. बीजेपी समर्थकों का कहना है कि पुलिस ने बिना किसी उकसावे के लाठीचार्ज किया है, जिसमें कई समर्थक घायल हो गए हैं. पुलिस ने बताया कि मजूमदार को इलाज के लिए पुलिस वाहन से अस्पताल ले जाया गया. बाद में उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया.
#WATCH | Basirhat, North 24 Parganas | West Bengal BJP president Sukanta Majumdar admitted to Basirhat multi-facility hospital after he was injured during Police lathi charge as a scuffle broke out between Police and party workers. pic.twitter.com/zab7EfkUZd
— ANI (@ANI) February 14, 2024
संदेशखाली मामले पर जारी है प्रदर्शन
यह संघंर्ष तब शुरू हुआ जब पार्टी कार्यकर्ता संदेशखाली में प्रवेश करने से रोके जाने के बाद पुलिस कर्मियों से भिड़ गए, जहां महिलाएं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता शाहजहां शेख और उनके सहयोगियों द्वारा उनके खिलाफ किए गए कथित अत्याचारों को लेकर आंदोलन कर रही हैं. दिन में बंगाल पुलिस ने सुकांत मजूमदार को उत्तर 24 परगना जिले के ताकी में एक गेस्ट हाउस से बाहर निकलने से रोक दिया था. बीजेपी नेताओं को संदेशखाली की ओर जाने से रोकने के लिए भारी पुलिस तैनाती की गई है. पुलिस ने संदेशखाली के प्रवेश बिंदुओं पर धारा 144 लगाई है.
क्या है मामला?
संदेशखाली में महिलाओं ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने सालों तक उनके साथ यौन उत्पीड़न और अन्य आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया है. पुलिस से कोई मदद नहीं मिली है. पिछले हफ्ते बुधवार से सड़कों पर उतरकर महिलाओं ने प्रदर्शन शुरू किया था, जिसके बाद से हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. हाई कोर्ट ने मंगलवार (13 फरवरी) को संदेशखाली से धारा 144 हटाने का आदेश दिया था लेकिन पुलिस ने बुधवार को एक बार फिर उन प्रवेश बिंदुओं पर धारा 144 लगाई है, जहां से गुजरते हुए संदेशखाली में जाया जा सकता.
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