West Bengal Politics: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की पश्चिम बंगाल इकाई के नवनियुक्त अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने मंगलवार को कहा कि वह बंगाल के तालिबानीकरण के खिलाफ लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी अपनी भूलों को सुधारेगी और आने वाले दिनों में सशक्त बनकर उभरेगी.
बालुरघाट से लोकसभा सदस्य मजूमदार ने राज्य में पार्टी के मुख्यालय पर सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘पार्टी नेतृत्व और मेरे पूर्ववर्तियों के सहयोग से, मैं राज्य के तालिबानीकरण के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखूंगा. हमारे लिए, भाजपा कार्यकर्ता ही हमारी वास्तविक संपत्ति हैं. अगर हमने कोई गलती की है तो हम उसे सुधारेंगे.’’
उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग ऐसा सोचते हैं कि वे पार्टी छोड़कर उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं, वे गलत हैं....’’ बीजेपी नेता ने कहा, "हमारी माननीय मुख्यमंत्री अगली प्रधानमंत्री बनने की सोच रही हैं. लेकिन मैं उन्हें पूरे सम्मान के साथ कहना चाहता हूं कि नरेंद्र मोदी 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद भी प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करते रहेंगे.. राज्य की भाजपा इकाई मोदीजी को बंगाल से 2019 की अपेक्षा अधिक सीटें बतौर उपहार देगी."
बाद में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने चुनाव बाद की हिंसा के मामलों पर राज्य सरकार पर निशाना साधा और राज्य में मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति पर बुद्धिजीवियों की "चुप्पी" पर सवाल उठाया.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस राज्य के बुद्धिजीवियों से सवाल करना चाहता हूं कि वे विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा के बाद से भाजपा कार्यकर्ताओं पर किए गए अत्याचार पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं. एक विशिष्ट समुदाय को हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमला करने के लिए उकसाया गया. क्या यह स्वस्थ लोकतंत्र का संकेत है?’’
मजूमदार ने दावा किया, "बुद्धिजीवी सभी चुप हैं, उन लोगों ने एक शब्द भी नहीं बोला है. लेकिन जब हमारे नेताओं तथागत रॉय और दिलीप घोष के भाषणों में त्रुटियां खोजने की बात आती है तो वे बहुत सक्रिय हो जाते हैं."
मजूमदार ने कहा कि वह सभी को साथ लेकर राज्य भर में संगठन को सशक्त बनाने के लिए काम करना चाहते हैं. उन्होंने कहा, "मैं नहीं चाहता कि कोई पार्टी छोड़े. लेकिन अगर कोई डर और प्रलोभन के कारण पार्टी छोड़ने का फैसला करता है, तो यह उन पर निर्भर करता है. लेकिन उससे राज्य में पार्टी का विकास नहीं रुकेगा."
विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन के बारे में मजूमदार ने कहा कि पार्टी ने अपनी रणनीति तैयार करने में कुछ गलतियां कीं और उसे समय के साथ ठीक कर लिया जाएगा. 41 वर्षीय नेता ने कहा, "हमने एक लंबा सफर तय किया है - विधानसभा में एक भी विधायक नहीं होने से लेकर 77 सीटें जीतने तक. हमने दिलीप घोष के नेतृत्व में 18 लोकसभा सीटें जीतीं. आने वाले दिनों में, हम पार्टी के आधार को और भी मजबूत बनाएंगे.’’
पार्टी में अंदरुनी मतभेद और नेताओं के पाला बदलकर राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर जाने की पृष्ठभूमि में पार्टी ने दिलीप घोष की जगह मजूमदार को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है.