West Bengal Bypolls: भवानीपुर सीट पर ममता बनर्जी के खिलाफ उम्मीदवार उतारेगी कांग्रेस
West Bengal Bypolls: पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमने फैसला किया है कि भवानीपुर विधानसभा सीट पर अपना उम्मीदवार उतारा जाएगा.
West Bengal Bypolls: कांग्रेस (Congress) की पश्चिम बंगाल इकाई ने अपने पहले के रुख में बदलाव करते हुए सोमवार को कहा कि वह विधानसभा उप चुनाव में भवानीपुर (Bhabanipur) सीट पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करेगी. प्रदेश कांग्रेस कमेटी की एक बैठक में यह फैसला किया गया कि कांग्रेस यह उप चुनाव लड़ेगी.
पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘‘ज्यादातर नेता तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ने के पक्ष में थे और हमने फैसला किया कि भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में उम्मीदवार खड़ा किया जाएगा.’’
उधर, तृणमूल कांग्रेस ने रविवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भवानीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए आधिकारिक रूप से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. निर्वाचन आयोग ने शनिवार को उपचुनाव की घोषणा की, जिसके साथ दक्षिण कोलकाता की इस सीट पर तृणमूल कांग्रेस का चुनाव प्रचार शुरू हो गया है. राज्य सरकार ने किसी भी संवैधानिक संकट से बचने के लिए आयोग से चुनाव कराने का अनुरोध किया था.
ममता बनर्जी हाल में हुए विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट पर बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी से हार गयी थीं. उन्हें मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए इस उपचुनाव में जीत हासिल करनी होगी. उन्हें पांच नवंबर तक राज्य विधानसभा की सदस्यता प्राप्त करनी होगी.'
यह उपचुनाव मुर्शिदाबाद जिले की शमसेरगंज और जंगीपुर विधानसभा सीटों पर चुनाव के साथ 30 सितंबर को होगा. इन दोनों सीटों पर हाल में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान नहीं हो सका था. तीनों सीटों के लिए मतगणना तीन अक्टूबर को होगी. वरिष्ठ पार्टी नेता सोभनदेव चट्टोपाध्याय ने भवानीपुर से तृणमूल कांग्रेस विधायक के रूप में इस्तीफा दिया है ताकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उपचुनाव लड़कर राज्य विधानसभा की सदस्य बनने का रास्ता साफ हो.
सोभनदेव चट्टोपाध्याय ने इस सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार और अभिनेता रुद्रनील घोष को करीब 28,000 वोटों से हराया था. ममता बनर्जी 2011 से दो बार भवानीपुर सीट पर चुनाव जीत चुकी हैं. वह इस साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनाव में अपनी परंपरागत सीट छोड़कर नंदीग्राम लड़ने चली गयी थीं लेकिन अपने पूर्व सहयोगी शुभेंदु अधिकारी से हार गयीं, जो अब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं.