नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में मवेशियों की क्रॉस बॉर्डर अवैध स्मगलिंग मामले में सीबीआई ने बीएसएफ के एक कमांडेंट समेत सात लोगों के खिलाफ पश्चिम बंगाल की विशेष सीबीआई अदालत के सामने आरोप पत्र (चार्जशीट) पेश किया है. ध्यान रहे कि इस मामले की जांच के दौरान सामने आए नामों को लेकर पश्चिम बंगाल की राजनीति में खासी उथल पुथल भी मची थी. आने वाले दिनों में इस मामले में कुछ अहम गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं जिनसे एक बार फिर पश्चिम बंगाल की राजनीति में भूचाल आ सकता है.


सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक जिन लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है, उनमें बीएसएफ कमांडेंट सतीश कुमार, मवेशियों का कुख्यात स्मगलर इनामुल हक समेत अनारूल शेख, मोहम्मद गुलाम मुस्तफा, तान्या सान्याल, बादल कृष्णा सान्याल और रशीदा बीवी के नाम शामिल हैं. सीबीआई प्रवक्ता के मुताबिक इस आरोपपत्र को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किए जाने के बाद भी अभी मामले में शामिल अन्य आरोपियों की जांच और इस पूरे मामले की बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए सीबीआई जांच जारी है. सीबीआई प्रवक्ता के मुताबिक इस मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सितंबर 2020 में विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज किया था और देश भर में 34 से ज्यादा जगहों पर एक साथ छापेमारी की थी. सीबीआई ने इस मामले में कुख्यात स्मगलर इनामुल हक को राजधानी दिल्ली से गिरफ्तार किया था. साथ ही इस मामले में बीएसएफ कमांडेंट सतीश कुमार से गहन पूछताछ के बाद उन्हें भी गिरफ्तार किया गया था.


सीबीआई का मानना है कि इस मामले की जांच के दौरान अनेक ऐसे सबूत मिले हैं, जिनसे यह पता चलता है कि बीएसएफ कमांडेंट की मदद से मवेशियों की क्रॉस बॉर्डर (cross-border) स्मगलिंग का काम किया जा रहा था और इस मामले में रिश्वत की रकम अनेक लोगों तक पहुंचाई जा रही थीं. जांच के दौरान सीबीआई को अनेक दस्तावेज सबूत भी मिले हैं, जिनसे अवैध धन के लेन देन का पता चलता है. सीबीआई का कहना है कि बीएसएफ कमांडेंट सतीश कुमार मुर्शिदाबाद और मालदा में भी तैनात रह चुका है, जहां उसकी सहायता से इन अवैध गतिविधियों को तेजी के साथ अंजाम दिया जा सका.


सीबीआई सूत्रों के मुताबिक इस मामले की जांच के दौरान जिन अन्य लोगों के नाम अवैध धन के लेनदेन के तौर पर सामने आए हैं, उनकी जांच का काम जारी है और आने वाले दिनों में उनमें से कुछ की गिरफ्तारी भी हो सकती है. याद रहे जिन लोगों पर यह आरोप है, उनमें से एक शख्स पश्चिम बंगाल की एक बड़ी राजनीतिक पार्टी के मुखिया के करीबी रिश्तेदार का बेहद करीबी बताया जाता है. फिलहाल मामले की जांच जारी है. ध्यान रहे कि इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग भी कर रहा है.


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