नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल में केंद्र और राज्य सरकार के बीच जारी लड़ाई को लेकर शिवसेना ने सीबीआई पर करारा हमला बोला है. अपने मुखपत्र सामना के जरिए शिवसेना ने सीबीआई को 'अधमरा तोता' करार दिया है. शिवसेना ने सीबीआई पर सवाल उठाते हुए कहा है कि पश्चिम बंगाल की धरती पर जो राजनीतिक लड़ाई चल रही है, वह अराजकता की नई चिंगारी है. यह लड़ाई केंद्र बनाम राज्य नहीं बल्कि ममता बनाम मोदी है. बीजेपी बनाम तृणमूल कांग्रेस है. पश्चिम बंगाल का नाटक आश्चर्यजनक है.


सामना में कहा गया है, ''शारदा चिट फंड घोटाले के आरोपियों को छोड़ा नहीं जा सकता लेकिन पिछले 4 साल में देश में घटित ‘चीट इंडिया’ मामले की ओर सीबीआई का अधमरा तोता किस नजर से देख रहा है? मोदी कोलकाता में घट रही सभी घटनाओं को प्रधानमंत्री के रूप में देखें. वे पहले प्रधानमंत्री और बाद में बीजेपी के नेता हैं. पश्चिम बंगाल की चिंगारी बढ़ने न पाए. देश में अशांति और भय का माहौल बनना लोकतंत्र के लिए मारक है.''


सीबीआई को अधमरा तोता करार देते हुए शिवसेना ने कहा, ''पिछले कई साल से ‘सीबीआई’ नाम का तोता अधमरी अवस्था में पड़ा है. सरकार या सत्ताधारी दल को जब चाहिए तब उस पक्षी को ‘गरुड़’ की झालर लगाकर विरोधियों पर छोड़ दिया जाता है. पिछले 6 महीनें में सीबीआई के दो गिरोह में एक तरह का गिरोह युद्ध ही हुआ था.''


इस दौरान शिवसेना ने कई संस्थाओं पर हमला बोला और कहा कि कोर्ट, रिजर्व बैंक, नीति आयोग और एसबीआई जैसी संस्थाओं ने पिछले कुछ साल में अपनी प्रतिष्ठा गंवाई है. इन संस्थाओं की दशा दिल्ली के सत्ताधीशों की कलाई पर बैठे तोतों जैसी हो गई है.


सीबीआई छापे को चुनावी राजनीति से जोड़ते हुए शिवसेना ने कहा, ''नए सीबीआई निदेशक के आते ही कोलकाता में बखेड़ा क्यों शुरू हुआ? इस नए झगड़े के पीछे 2019 के सार्वजनिक चुनाव का गणित है. 2014 की तरह बीजेपी को सफलता नहीं मिल रही है. कम-से-कम 100 सीटें उत्तर से लेकर महाराष्ट्र तक कम पड़ जाएंगी. उन 100 सीटों की भरपाई करने के लिए बीजेपी सरकार पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रही है. पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से 10-15 सीटें झोली में डाल लें और अन्य राज्यों से नुकसान की भरपाई की जाए और 100 सीटों की कमी को कम किया जाए. इन सीटों को पाने केलिए सरकार किसी भी स्तर तक जा रही है.''


शिवसेना ने सीबीआई पर सीधा हमला बोलते हुए कहा, ''देश की प्रमुख जांच एजेंसी के अधिकारी कोलकाता के आयुक्त के घर इतनी हड़बड़ी में पहुंच गए कि उनके पास जांच को लेकर कोई कागजात किसी तरह के कोई कानूनी दस्तावेज नहीं थे. उनके पास समन्स न होने से सीबआई दस्ता गैरकानूनी तरीके से घुसा है, ऐसा आरोप लगाकर कोलकाता पुलिस ने सीबीआई के दस्ते को ही गिरफ्तार कर लिया.''


शिवसेना ने मुखपत्र के जरिए अयोध्या में राम मंदिर मामले को भी उठाया. मुखपत्र में कहा गया है, ''पश्चिम बंगाल में ‘रथयात्रा’ की राजनीति हुई. वहां संघर्ष की चिंगारी उठी. ममता बनर्जी दुर्गा माता के खिलाफ हैं इसलिए बंगाल के हिंदू बीजेपी को मतदान करें, ऐसी बीजेपी की नीति ठीक है लेकिन अयोध्या में रथयात्रा निकालकर सैकड़ों कारसेवकों की बलि लेने के बावजूद अयोध्या में राम मंदिर क्यों नहीं बन पाया? यह सवाल का जवाब आज भी नहीं मिल पाया है.''


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