CBI Sandeshkhali Arms Recovered: पश्चिम बंगाल में महिलाओं के यौन उत्पीड़न और हिंसा के लिए सुर्खियों में रहा संदेशखाली क्षेत्र फिर चर्चा में है. शुक्रवार (26 अप्रैल) को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने शेख शाहजहां के करीबी के ठिकाने पर छापेमारी की और वहां से भारी मात्रा में बंदूकें और गोला बारूद बरामद किया है. वहां से बरामद बमों को निष्क्रिय करने के लिए नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स (एनएसजी) की बम स्क्वायड टीम को लगाया गया.
संदेशखाली में हुए इस ताजा घटनाक्रम को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) चीफ ममता बनर्जी पर निशाना साधा है. बीजेपी के आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने बताया कि बंगाल सीएम राज्य की गृहमंत्री भी हैं और जिस तरह से इतने भारी मात्रा में अवैध हथियार मिले हैं, वह देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश जैसा है.
संदेशखाली में CBI ने बरामद किए ये हथियार
संदेशखाली में कई स्थानों पर तलाशी अभियान के दौरान सीबीआई ने विदेशी पिस्तौल सहित कई हथियार और गोला बारूद बरामद किए. कम से कम 12 बंदूकें बरामद की गईं. अधिकारियों ने बताया कि यह तलाशी अभियान तृणमूल कांग्रेस के नेता रहे शाहजहां शेख के समर्थकों द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पर हमला किए जाने की घटना से जुड़ा है.
ईडी टीम पर पांच जनवरी को संदेशखाली में उस समय हमला किया गया था जब वे राशन घोटाले के सिलसिले में शेख के परिसर पर छापा मारने गए थे. अधिकरियों ने आगे बताया कि सीबीआई को जांच के दौरान यह जानकारी मिली कि संदेशखाली में भारी मात्रा में हथियार छिपाए गए हैं. बाद में शुक्रवार सुबह सीबीआई की टीम ने तलाशी अभियान शुरू किया, जहां से हथियारों के साथ बरामद हुए बमों को डिफ्यूज करने के लिए एनएसजी टीम को लगाया गया.
बीजेपी ने कहा- गृह मंत्री ममता बनर्जी बताएं...
भारी मात्रा में हथियारों के बारामदगी पर बंगाल बीजेपी के सह प्रभारी और पार्टी की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर ममता बनर्जी से कई सवाल पूछे. उन्होंने लिखा, "ईडी अधिकारियों पर हमले के सिलसिले में छापेमारी के दौरान सीबीआई ने संदेशखाली के सरबेरिया से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया. पश्चिम बंगाल की गृह मंत्री के रूप में ममता बनर्जी को यह बताना चाहिए कि राज्य में अवैध हथियारों का इतना बड़ा भंडार क्यों है? यह खतरनाक है."
उन्होंने आगे लिखा, बमों को डिफ्यूज करने के लिए एनएसजी को तैनात किया गया है पर पश्चिम बंगाल सरकार ने सीबीआई को मामले की जांच करने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हथियारों की यह खेप देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाली आतंकी कार्रवाई के अलावा और कुछ नहीं है. हालांकि, सवाल यह है कि ममता बनर्जी उन आतंकवादियों को बचाने की कोशिश क्यों कर रही हैं, जिन्होंने इतनी बड़ी मात्रा में हथियारों को जमा किया है?"
कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर हो रही जांच
कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर केंद्रीय एजेंसी ने पांच जनवरी की घटनाओं पर तीन प्राथमिकी दर्ज की थीं. ये प्राथमिकियां भीड़ की ओर से ईडी अधिकारियों पर हमले, तत्कालीन टीएमसी नेता शेख शाहजहां के लोगों की तरफ से ईडी अधिकारियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों और ईडी अधिकारियों पर हमले के संबंध में नजात पुलिस थाने की ओर से स्वत: संज्ञान लेते हुए दर्ज किए गए मामले से जुड़ी हैं. शेख को फरवरी में पश्चिम बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार किया था. लगभग हजार लोगों की भीड़ के हमले में ईडी के तीन अधिकारी घायल हो गए थे. इसके बाद एजेंसी के एक अधिकारी ने बशीरहाट के पुलिस अधीक्षक के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी.
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