Mamta Banerjee Goa Visit: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी आज गोवा राज्य की अपनी पहली राजनीतिक यात्रा के लिए जा रही हैं. अब उनकी पार्टी गोवा में अपनी जड़ें जमाने की तैयारी कर रही है. गोवा में फरवरी 2022 में विधानसभा चुनाव है. और टीएमसी इसी को लेकर योजना पर काम कर रही है. पार्टी विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में अपने पार्टी संगठन का आधार स्थापित करने की कोशिश कर रही है और आने वाले वर्ष में राज्य में आने वाले विधानसभा चुनाव में लड़ने का इरादा रखती है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने राज्य में कार्यालय खोले हैं और कांग्रेस और अन्य पार्टियों के कई नेता तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए हैं.
गोवा में संगठन को लेकर बैठक
टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी के गौवा दौरे के दौरान अधिक से अधिक लोगों की शामिल होने की संभावना है. जानकारी के मुताबिक ममता बनर्जी राज्य में एक नया कार्यालय खोलने के अलावा, गोवा की अपनी यात्रा के दौरान राज्य में संगठनात्मक बैठकें भी कर सकती हैं. वरिष्ठ टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री समेत गोवा के कई अनुभवी और अच्छे नेता पार्टी में शामिल हो गए हैं. कोलकाता में ही उनकी प्रेस वार्ता हुई. हमारी पार्टी का अभियान वहां शुरू हो गया है. उन्होंने बताया कि तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी की गोवा यात्रा 28 अक्टूबर से शुरु होगी और वे वहां 3 दिनों तक रहेंगी और अलग-अलग जगहों का दौरा करेंगी. वो विधानसभा चुनाव को लेकर कई कार्यक्रम भी करेंगी जिसके बारे में बाद में जानकारी दी जाएगी.
गोवा में सियासी पकड़ बनाने की कोशिश
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का मानना है कि गोवा के लिए मंच तैयार है और टीएमसी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए काफी आश्वस्त है. गोवा विधानसभा के लिए चुनाव अगले साल होने हैं और तृणमूल कांग्रेस, पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तटीय राज्य में पैर जमाने की कोशिश कर रही है. पार्टी के कुछ पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई. वही पूर्व मुख्यमंत्री लुइजिन्हो फलेरियो सहित कई पूर्व वरिष्ठ कांग्रेस नेता तृणमूल में शामिल हो गए हैं. टीएमसी की तरफ से बताया गया कि हाल के दिनों में बुद्धिजीवी और खिलाड़ी भी पार्टी में शामिल हुए हैं. डालगाडो कोंकणी अकादमी के संस्थापक सदस्य श्री सेल्सो फर्नांडीस हमारी गोवा तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए.
गोवा के लिए नया सवेरा लाएगी टीएमसी!
आक्रामक बीजेपी के खिलाफ पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में मई 2021 की जीत के बाद, टीएमसी ने अक्सर दावा किया है कि यह कांग्रेस की तुलना में भगवा पार्टी का मुकाबला करने के लिए बेहतर है. राष्ट्रीय महासचिव के रूप में अभिषेक बनर्जी की नियुक्ति और राजनीतिक परामर्श फर्म आई-पीएसी के साथ पांच साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर के साथ पार्टी की कार्यशैली में भी महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं. टीएमसी ने साफ किया है कि वो केवल अपनी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा बनाए रखने के लिए चुनाव नहीं लड़ रही है बल्कि मजबूत लोकतंत्र के लिए ऐसा कर रही है. सौगत रॉय ने बताया कि एक नई पार्टी हैं लेकिन पुराने लोग हैं. अच्छे अच्छे गोवा के नेता हैं जो हमारे साथ आये हैं. हम उनको ले कर गोवा के सामने आएंगे और गोवा में एक नई सुबह लाएंगे और यही हमारा नारा होगा
सभी चुनावी राज्य में कदम रखेगी तृणमूल कांग्रेस
कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए सौगत रॉय ने कहा कि लोग अब कांग्रेस में नहीं रहना चाहते हैं. कांग्रेस का काम अपनी पार्टी को खुद संभालना हैं लेकिन अगर कोई कांग्रेस से आ कर हमारे पार्टी में शामिल होगा तो हम कैसे उनको रोक सकते हैं. चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर लंबे समय से गोवा में डेरा डाले हुए हैं. टीएमसी पश्चिम बंगाल के बाहर केवल दो राज्यों को लक्षित कर रही है. 2022 में, टीएमसी गोवा में 40 विधानसभा सीटों और 2023 में त्रिपुरा की 60 सीटों पर अपनी सारी ऊर्जा केंद्रित कर रही है. त्रिपुरा का चुनाव स्पष्ट है क्योंकि बंगाली भाषी आबादी बहुत बड़ी है और टीएमसी की मौजूदगी लंबे समय से है. सौगत रॉय ने बताया कि जिन जिन राज्य में चुनाव होंगे उन उन राज्य में उनकी पार्टी कदम रखेगी और अपना किस्मत आजमाएगी.