नई दिल्लीः चक्रवाती तूफान ''उम्पुन'' साल 1999 के बाद भारत में आने वाला यह दूसरा प्रचंड चक्रवातीय तूफान है. ''उम्पुन'' ने पश्चिम बंगाल में काफी तबाही मचाई है. इसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रेल मंत्रालय से चक्रवात 'उम्पुन' के मद्देनजर 26 मई तक राज्य में श्रमिक स्पेशल ट्रेनें नहीं भेजने को कहा है.
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा की तरफ से रेलवे बोर्ड के प्रमुख वी के यादव को 22 मई को लिखे गए पत्र में कहा गया कि राज्य 20 और 21 मई को महा चक्रवात ''उम्पुन'' से बुरी तरह प्रभावित हुआ है जिससे अवसंरचना को अत्यंत नुकसान हुआ है.
चक्रवात के कारण पश्चिम बंगाल में कम से कम 86 लोगों की मौत हो गई है. चक्रवात के कारण जनजीवन प्रभावित होने के बाद अधिकारी स्थिति को सामान्य करने के प्रयासों में जुटे हुए हैं. कोरोना वायरस के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए श्रमिक विशेष रेलगाड़ी सेवा शुरू करने के बाद सबसे कम रेलगाड़ियां पश्चिम बंगाल में ही भेजी गई हैं.
दरअसल, गृह मंत्री अमित शाह ने एक पत्र में आरोप लगाया था कि बंगाल अपने प्रवासियों को लौटने की अनुमति नहीं दे रहा है. बाद में यह तय किया गया कि इन ट्रेनों के परिचालन के लिए गंतव्य राज्य की सहमति लेना जरूरी नहीं है. एक मई से अब तक करीब 2,000 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं. जिनमें 31 लाख प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य पहुंचाया गया. बंगाल में अब तक करीब 25 रेलगाड़ियां आईं हैं.
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