Mamata Banerjee In West Bengal Assembly : बंगाल विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. इस दौरान जमकर हंगामा भी हो रहा है. सत्तारूढ़ टीएमसी और विपक्षी बीजेपी विधायकों के बीच गत गुरुवार (8 फरवरी) को बजट पेश करने के दौरान नारेबाजी पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बेहद नाराज नजर आईं. नारेबाजी कर रहे बीजेपी विधायकों को खामोश करते हुए उन्होंने कहा कि यह आपका पार्टी ऑफिस नहीं है.
दरअसल राज्य की वित्त राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य बजट पेश कर रही थीं. उसी समय BJP विधायकों की नारेबाजी से नाराज होकर मुख्यमंत्री ने बजट भाषण के बीच में अपनी सीट से खड़े होकर बीजेपी पर हमला बोला.
'यहां बीजेपी की सियासत नहीं चलेगी'
खास तौर पर नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को निशाना बनाते हुए ममता ने कहा कि ये कोई बीजेपी का पार्टी दफ्तर नहीं है. यहां बीजेपी की सियासत नहीं चलेगी. ममता ने बीजेपी विधायकों की नारीबाजी की आलोचना करते हुए कहा कि आप लोग बजट तक नहीं पढ़ने दे रहें. क्या आपको शर्म नहीं आती? आप लोग (बीजेपी) बंगाल और बंगाली विरोधी हैं.
'विपक्ष को अपनी बात कहने की आजादी लेकिन...'
ममता ने कहा कि अगर विपक्ष के पास कोई राय है तो वे बजट पूरा होने के बाद इस पर चर्चा कर सकते हैं. उनको अपनी बात कहने की आजादी है, लेकिन यह बीजेपी का पार्टी कार्यालय नहीं है, यह विधानसभा है. यह विपक्ष के लिए राजनीति करने की जगह नहीं है. ममता ने कहा कि लोगों को यह जानने का अधिकार है कि हमारी सरकार ने क्या काम किया है.
विपक्षी सांसदों के सस्पेंशन का मुद्दा भी उठाया
ममता ने इस हंगामे पर संसद के पिछले सत्र के दौरान 147 विपक्षी सांसदों को निलंबित करने का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि बीजेपी को इसको याद रखना चाहिए, लेकिन हम उस रास्ते पर नहीं जाना चाहते. हम इसका मुकाबला करेंगे. मुख्यमंत्री ने विपक्षी विधायकों को चुनौती दी कि अगर उनमें साहस है तो वो बजट पेश होने के बाद बोले, इससे पहले नहीं.
ममता ने बाद में पत्रकारों से बातचीत में भी बीजेपी पर अपना गुस्सा निकाला. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के कुछ बीजेपी नेता बंगाल को उसके हक से वंचित करने के लिए दिल्ली में केंद्रीय नेताओं के पास गुहार लगाते हैं, ताकि बंगाल को उसका हक ना मिले.
ये भी पढ़ें:आजादी के बाद किसके शासन में कितनी बढ़ी सेंट्रल यूनिवर्सिटी की संख्या, क्या था बजट?