बंगाल की मुख्यमंत्री की कुर्सी दांव पर, जानें क्यों है ममता बनर्जी के लिए ये उपचुनाव इतना अहम
ममता बनर्जी के लिए भवानिपुर उपचुनाव काफी अहम है. अगर इस चुनाव में ममता बनर्जी जीत हासिल करती हैं तो सीएम पद पर बनी रहेंगी और अगर हार जाती हैं तो पद छोड़ना भी पड़ सकता है.
कोलकाताः भवानीपुर सीट पर उपचुनाव के लिए प्रचार का आज अंतिम दिन है. एक तरफ जहां बीजेपी अपने उम्मीदवार के प्रचार के लिए पुरजोर तरीके से मैदान में उतरी हुई है तो वहीं ममता बनर्जी के लिए टीएमसी के कार्यकर्ता एकजुट होकर चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं. मुख्यमंत्री बने रहने के लिए ममता बनर्जी को यहां होने वाले उपचुनाव में जीतना बहुत जरूरी है. इस बीच ममता बनर्जी जगह-जगह रैली का आयोजन कर लोगों से अपने पक्ष में वोट देने की अपील कर रही है. रैली के दौरान ममत बनर्जी ने लोगों से कहा कि अगर आप चाहते हैं कि मैं मुख्यमंत्री रहूं तो मुझे अपने वोटों से आशीर्वाद दें. भले ही चक्रवात या बवंडर आए, बूथ तक जाएं और अपना वोट डालें.
तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार ममता बनर्जी ने कहा कि पार्टी में मुख्यमंत्री पद को सम्भलने के लिए लोगों का वोट रूपी आशीर्वाद बहुत जरूरी है. बता दें कि 30 सितंबर को भवानिपुर सीट पर उपचुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे. इस सीट पर ममता बनर्जी के सामने बीजेपी की टिकट पर प्रियंका टिबरीवाल चुनावी मैदान में कड़ी टक्कर दे रही हैं.
ममता बनर्जी के लिए क्यों जरूरी है जीत हासिल करना
पश्चिम बंगाल की भवानीपुर सीट पर हो रहे उपचुनाव में अगर ममता बनर्जी जीत हासिल कर लेती हैं तो वह राज्य विधानसभा की सदस्य बन जाएंगी और मुख्यमंत्री बनी रहेंगी. अगर ममता बनर्जी इस उपचुनाव में हार जाती हैं तो मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ सकता है. ऐसे में अगर मुख्यमंत्री बने रहना है तो ममता बनर्जी के लिए यह चुनाव जीतना बहुत जरूरी है.
नंदीग्राम से हार चुकी हैं चुनाव
ममता बनर्जी ने 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट से चुनावी मैदान में उतरी थी लेकिन सुवेंदु अधिकारी से हार गईं थीं. सुवेंदु अधिकारी बीजेपी के टिकट पर चुनावी मैदान में थे. इससे पहले सुवेंदु टीएमसी के लिए काम करते थे लेकिन अचानक से पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए.
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