कोलकाता: पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग (WBCPCR) ने पैगम्बर मोहम्मद (Prophet Mohammad) के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी (Controversial Remarks) को लेकर हावड़ा में हुए विरोध प्रदर्शनों (Protests) में बच्चों (Children) के ‘इस्तेमाल’ से संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद शनिवार को फुरफुरा शरीफ (Farfura Sharif) को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया.
आयोग ने हावड़ा जिले के डोमजुर में विरोध प्रदर्शन के दौरान बच्चों के शामिल होने से संबंधित वीडियो फेसबुक पर वायरल होने के बाद मामले का स्वत: संज्ञान लिया और फुरफुरा शरीफ के पीरजादा, मोहम्मद सनाउल्लाह सिद्दीकी को नोटिस भेजा. यहां आंदोलनकारियों ने शुक्रवार को पथराव किया, पुलिस वाहनों को आग लगा दी, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और कानून लागू करने वाले अधिकारियों के साथ झड़प की.
आयोग ने चिंता व्यक्त की
आयोग ने अपने नोटिस में इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की और ऐसी गतिविधियों की निंदा की, जहां बच्चों के अधिकार दांव पर लगाये जाते हैं. आयोग ने हावड़ा ग्रामीण और बारासात जिलों के पुलिस अधीक्षकों, हावड़ा पुलिस आयुक्त और हावड़ा एवं उत्तर 24 परगना के जिला मजिस्ट्रेट को मामले की पड़ताल करने और इन गतिविधियों में बच्चों का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
आयोग ने उन्हें बच्चों के अधिकारों के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए उचित उपाय करने का भी निर्देश दिया है.
बंगाली मुसलमाने के लिए पवित्र जगह फुरफुरा शरीफ
फुरफुरा शरीफ बंगाली मुसलमानों के लिए एक पवित्र स्थल है और हुगली जिले के श्रीरामपुर उपसंभाग के जंगीपाड़ा में स्थित है.
आयोग ने शनिवार को अपने बयान में कहा, “यह ध्यान रखने योग्य है कि बच्चों की सहमति से भी उनका उपयोग करना देश के कानून के खिलाफ है.’’ आयोग ने कहा कि यहां तक कि इस्लाम भी बच्चों को उन गतिविधियों में इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देता है, जो उनके लिए असुरक्षित हो सकती हैं.
बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र संधि (United Nations Treaty) का अनुच्छेद 36 कहता है कि बच्चों (children) को ऐसी किसी भी गतिविधि से संरक्षित किया जाना चाहिए, जो उनके विकास को नुकसान पहुंचा सकती है. भारत (India) इस संधि का अनुमोदन (Treaty) करता है.
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