पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले में एक विधायक अपने घर के पास संदिग्ध परिस्थितियों में मृत मिले. उनके परिवार और बीजेपी ने उनकी 'हत्या' होने का दावा करते हुए ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को इसके लिये जिम्मेदार ठहराया है. मामले की जांच सरकार ने सीआईडी को सौंप दी है. बीजेपी ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है


बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ''हत्या की सीबीआई जांच होनी चाहिए. हम कल गृहमंत्री से मुलाकात करेंगे. अगर राष्ट्रपति ने समय दिया तो हम, पश्चिम बंगाल की स्थिति से अवगत कराएंगे.''


क्या है पुलिस का दावा?
पुलिस ने कहा कि देबेंद्र नाथ रे का शव जिले के हेमताबाद इलाके के बिंदल गांव में उनके घर के निकट एक दुकान के बाहर बरामदे की छत से लटकता मिला. उनकी उम्र करीब 65 साल थी. पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा कि उनकी शर्ट की जेब से एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें उन्होंने अपनी मौत के लिये दो लोगों पर आरोप लगाया है.


रे ने हेमताबाद की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से माकपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी, लेकिन पिछले साल लोकसभा चुनाव के बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए थे. हालांकि, उन्होंने माकपा से विधायक के तौर पर इस्तीफा नहीं दिया था.


जिला पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रे का शव हेमताबाद इलाके में सोमवार सुबह एक बंद दुकान के पास लटका मिला. उन्होंने कहा कि पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंच गई है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.


परिवार का क्या है कहना?
परिवार के एक सदस्य ने कहा, ‘‘हमें लगता है कि यह हत्या है. इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए.’’ रे की मौत का मामला तूल पकड़ता दिख रहा है और बीजेपी ने इसे ‘‘टीएमसी के गुंडों’’ द्वारा हत्या करार देते हुए उत्तरी दिनाजपुर जिले में मंगलवार सुबह छह बजे से 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है.


बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने इस घटना को एक “संदिग्ध जघन्य हत्या” करार दिया और आरोप लगाया कि यह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में “गुंडाराज और कानून-व्यवस्था की मशीनरी की विफलता” को दर्शाता है.


उन्होंने ट्वीट किया, “पश्चिम बंगाल में हेमताबाद से भाजपा विधायक देबेंद्र नाथ रे की संदिग्ध जघन्य हत्या बेहद स्तब्धकारी और निंदनीय है. यह ममता सरकार में गुंडाराज तथा कानून-व्यवस्था की विफलता को दर्शाती है. लोग भविष्य में इस सरकार को माफ नहीं करेंगे. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं.”


राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि राजनीतिक हिंसा और प्रतिशोध राज्य में निरंतर जारी है. उन्होंने ट्वीट किया, “राजनीतिक हिंसा और प्रतिशोध ममता बनर्जी के शासन में कम होता नजर नहीं आ रहा है. उत्तरी दिनाजपुर जिले के हेमताबाद से विधायक देबेंद्र नाथ रे की मौत, हत्या समेत कई गंभीर आरोप उठाती है. सच को सामने लाने और राजनीतिक हिंसा को कमजोर करने के लिये व्यापक निष्पक्ष जांच की जरूरत है.”


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पुलिस ने हालांकि जोर दिया कि प्रथमदृष्टया यह खुदकुशी का मामला लग रहा है. राज्य पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा, “आज सुबह हेमताबाद के विधायक देबेंद्र नाथ रे का शव उत्तरी दिनाजपुर के रायगंज में देबेन मोड़ के बलिया में एक मोबाइल दुकान के बाहर बरामदे की छत से लटकता मिला. मृतक के शर्ट की जेब से एक सुसाइड नोट मिला है. इसमें मौत के लिये दो लोगों को जिम्मेदार ठहराया गया है.”


इसमें कहा गया कि खोजी कुत्तों की मदद ली जा रही है और फोरेंसिक विशेषज्ञ भी काम में जुटे हैं. पुलिस ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “लोगों से अनुरोध है कि कयास के आधार पर पक्षपातपूर्ण और निर्णायक नतीजों पर न पहुंचें और जांच पूरी होने का इंतजार करें.”


टीएमसी नेता और राज्य के मंत्री फरहाद हाकिम ने सीबीआई जांच की मांग को खारिज करते हुए कहा कि राज्य पुलिस और सीआईडी मामले की जांच में सक्षम हैं. वहीं तृणमूल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष कनाईलाल अग्रवाल ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पुलिस रे की मौत के कारणों का पता लगाएगी.