Mamata Banerjee On PM Narendra modi: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सेंट्रल फंड का दुरुपयोग किये जाने संबंधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आरोपों को सोमवार (4 मार्च) को खारिज करते हुए कहा कि केंद्र ने राज्य की फंडिंग रोक दी है. बनर्जी ने इसके साथ ही, ‘भ्रामक’ टिप्पणी के लिए लोगों से माफी मांगने की मांग भी की.


बनर्जी ने प्रधानमंत्री के हालिया बंगाल दौरे के दौरान आवास योजना के लिए राज्य को 47,000 करोड़ रुपये के आवंटन के संबंध में किए गए उनके दावे का खंडन करते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2014-15 और 2021-22 के बीच, केंद्र ने केवल 29,834 करोड़ रुपये प्रदान किए, जबकि राज्य सरकार ने इसमें 20,000 करोड़ रुपये का योगदान दिया. उन्होंने कहा, ‘चुनाव आएंगे और जाएंगे, हम यहीं रहेंगे, लेकिन दिल्ली के बाबू नहीं.’


ममता बनर्जी ने दिए आंकड़े


उन्होंने मेदनीपुर में एक सरकारी वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने बंगाल को 47,000 करोड़ रुपये दिए हैं और आरोप लगाया था कि हमने सेवाएं प्रदान करने के बजाय इसे पूरा ‘हजम’ कर लिया है.’’


उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक, उन्होंने एक पैसा भी जारी नहीं किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके द्वारा दिया गया पैसा हमने ‘हजम’ कर लिया और कोई घर नहीं बनाया. उस धनराशि से कुल मिलाकर, 43 लाख घर बनाए गए हैं. उन्हें अपने झूठ के लिए माफी मांगनी चाहिए.’’


क्या कहा था PM मोदी ने?


मोदी ने 2 मार्च को नदिया जिले के कृष्णानगर में एक रैली को संबोधित करते हुए भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राज्य की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार की आलोचना की और कहा कि पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी ने योजनाओं को घोटालों में बदलने में ‘महारत’ हासिल कर ली है. राज्य में 100 दिनों के काम के तहत धनराशि रोकने के लिए केंद्र के खिलाफ अपना हमला जारी रखते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘बीजेपी ने राज्य के लिए धनराशि रोक दी है।’’


बनर्जी ने कहा, ‘‘अब, हम काम और पैसा देंगे. आपको वही पैसा मिलेगा जो आपको 100 दिन के काम के लिए मिलता था. केवल योजना का नाम कर्मश्री है. यह 50 दिन तक काम करेगा. जॉब कार्ड धारकों को काम मिलेगा.’’


मनरेगा श्रमिकों का भुगतान कर रही है राज्य सरकार


मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने सोमवार को लगभग 30 लाख मनरेगा श्रमिकों को मार्च 2022 से लंबित 2,700 करोड़ रुपये का भुगतान शुरू किया. उन्होंने आईसीडीएस योजना के लिए धन कम करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की और आश्वासन दिया कि राज्य सरकार आशा कार्यकर्ताओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना जारी रखेगी.


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