नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य के गवर्नर जगदीप धनखड़ के बीच तनातनी जारी है. सोमवार को सीएम ममता ने कहा कि मैंने पश्चिम बंगाल के गवर्नर को हटाने के लिए तीन पत्र लिखे हैं. वो एक भ्रष्ट व्यक्ति हैं. ममता बनर्जी ने कहा कि उनका नाम साल 1996 में सामने आए हवाला जैन केस की चार्जशीट में था.
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया, "गवर्नर (जगदीप धनखड़) एक भ्रष्ट व्यक्ति हैं, उनका नाम 1996 के हवाला जैन केस की चार्जशीट में था. लेकिन वो कोर्ट गए और वहां से सब मामला क्लियर हो गया था. लेकिन फिर से उसमें पीआईएल दाखिल हुई है, जिसपर फैसला नहीं आया है. पीआईएल वहां पेंडिंग है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि मुझे खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि वो एक भ्रष्ट व्यक्ति हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे गवर्नर को केंद्र सरकार क्यों मंज़ूरी देती है. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार को पता नहीं है तो मैं कहती हूं कि आप चार्जशीट निकालिए. उस चार्जशीट में उनका नाम था कि नहीं था. ममता ने आरोप लगाते हुए कहा, "पहले आपने कोर्ट को मैनेज किया. उसके बाद फिर कोर्ट केस हुआ. उस कोर्ट केस का अभी तक फैसला नहीं आया है.
आपको बता दें नई सरकार बनने के बाद से ही सीएम ममता और जगदीप धनखड़ के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर और तेज़ हुआ है. हाल ही में पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने संसदीय लोकतंत्र से जुड़े मामलों और सदन के कामकाज में राज्यपाल जगदीप धनखड़ की ‘अत्यधिक दखलअंदाजी’ को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से शिकायत की थी. उन्होंने ‘ऑल इंडिया स्पीकर्स कॉन्फ्रेन्स’ के दौरान धनखड़ की शिकायत की थी.
बनर्जी ने कहा था, ‘‘मैंने लोकसभा अध्यक्ष को संसदीय लोकतंत्र और विधानसभा के कामकाज में राज्यपाल जगदीप धनखड़ की अत्यधिक दखलअंदाजी के बारे में बताया. विधानसभा द्वारा पारित होने के बावजूद कई विधेयक राज्यपाल के पास अटके हुए हैं क्योंकि उन्होंने उन पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. पश्चिम बंगाल के संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में यह अभूतपूर्व है। ऐसी स्थिति पहले कभी पैदा नहीं हुई.’’