कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी के चुनाव प्रचार पर चुनाव आयोग (EC) ने 24 घंटे के लिए रोक लगा दी है. बता दें कि सात अप्रैल को चुनाव आयोग ने अल्पसंख्यक वोटों के बंटवारे ना होने वाले बयान को लेकर मुख्यमंत्री को नोटिस भेजा था.
नोटिस में कहा गया था कि चुनाव आयोग को बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल से शिकायत मिली है जिसमें आरोप लगाया है कि तीन अप्रैल को, बनर्जी ने हुगली में ताराकेश्वर की चुनाव रैली के दौरान मुस्लिम मतदाताओं से कहा कि उनका वोट विभिन्न दलों में न बंटने दें.
नोटिस में बनर्जी के हवाले से कहा गया, “ विश्वविद्यालयों तक के लिए कन्याश्री छात्रवृत्ति है. अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के लिए शिक्षाश्री है. सामान्य वर्ग के लिए स्वामी विवेकानंद छात्रवृत्ति है. अल्पसंख्यक समुदाय के मेरे भाइयों और बहनों के लिए एक्यश्री है और मैंने इसे दो करोड़ 35 लाख लाभार्थियों को दिया है. मैं हाथ जोड़कर अपने अल्पसंख्यक भाई-बहनों से अपने मत शैतान को नहीं देने और अपने मत को बंटने नही देने की अपील करती हूं जिसने बीजेपी से पैसे लिए हैं.”
चुनाव आयोग ने कहा कि उसने पाया है कि उनका भाषण जन प्रतिनिधित्व कानून और आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन करता है.
अब चुनाव आयोग ने उनके प्रचार पर आज रात आठ बजे से कल रात आठ बजे तक के लिए रोक लगा दिया है. बता दें कि पश्चिम बंगाल में चार चरणों की वोटिंग हो चुकी है. पांचवें चरण के लिए 17 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. इससे पहले चुनाव आयोग ने उनके प्रचार पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह किसी बड़े झटके से कम नहीं है.
पश्चिम बंगाल में छठे चरण के लिए 22 अप्रैल, सातवें चरण के लिए 26 अप्रैल और आठवें चरण के लिए 29 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. नतीजों की घोषणा 2 मई को होगी.