पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने पूर्व शीर्ष नौकरशाह अलापान बंदोपाध्याय को ‘‘प्रताड़ित’’ करने के लिए बुधवार को केन्द्र की आलोचना की. केन्द्र सरकार ने बंदोपाध्याय के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही शुरू की है जो उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद के लाभों से वंचित कर सकती है. 


बनर्जी ने कहा कि देश के आईएएस और आईपीएस अधिकारी पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव के साथ हैं, क्योंकि यह ‘‘हर नौकरशाह की लड़ाई’’ है. उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘केंद्र को यह महसूस करना चाहिए कि वह एक ऐसे अधिकारी को प्रताड़ित कर रहा है जिसने 15-20 दिनों के भीतर अपने भाई, भतीजे और मां को खो दिया... और वह मानसिक पीड़ा में है क्योंकि उन्होंने जीवनभर देश के लिए काम किया है, और अब उनके साथ इस तरह का व्यवहार किया गया... यह गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार है और हम इसकी अनुमति नहीं देंगे.’’


अधिकारियों ने सोमवार को कहा था कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने बंदोपाध्याय को एक ‘‘ज्ञापन’’ भेजा है जिसमें आरोपों का उल्लेख है और उन्हें जवाब देने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है.


मुख्यमंत्री ने कहा कि 1987 बैच के आईएएस अधिकारी (सेवानिवृत्त) बंदोपाध्याय ने हमेशा समर्पण और दृढ़ संकल्प के साथ काम किया है. उन्होंन कहा, ‘‘हमारी सरकार उन्हें पूरा सहयोग देगी.’’ उन्होंने कहा कि बंदोपाध्याय के खिलाफ अपनी कार्रवाई में केंद्र सरकार कानून का पालन नहीं कर रही है.


सीएम ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘आप जबरदस्ती नियम नहीं बदल सकते क्योंकि देश में एक संविधान है. यह (केंद्र सरकार) स्वार्थी रूप ले रही है ... पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और कांग्रेस पार्टी के पास भी भारी बहुमत था, लेकिन उन्होंने कभी कुछ ऐसा नहीं किया था.’’


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