तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को संसदीय दल की अध्यक्ष चुना
तृणमूल नेता ने कहा कि पार्टी के सभी सांसदों ने बनर्जी को सर्वसम्मति से अपना नेता चुना है. उल्लेखनीय है कि बनर्जी सांसद नहीं हैं.
तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने पार्टी प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सर्वसम्मति से संसदीय दल की अध्यक्ष चुना है. दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की गई. इसमें राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि बनर्जी लंबे समय से तृणमूल संसदीय दल के पीछे प्रेरक शक्ति रही हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘हम वास्तविकता को औपचारिक रूप दे रहे हैं, बस. हमारी अध्यक्ष सात बार संसद सदस्य रही हैं. उनके पास वह दृष्टिकोण है जिससे वह संसदीय दल का मार्गदर्शन कर सकती हैं. उनके पास अनुभव और अंतर्दृष्टि है. वह वैसे भी हमारा मार्गदर्शन कर रही थीं.’’
ब्रायन ने कहा कि यह फैसला अवधारणात्मक और रणनीतिक दोनों ही स्तरों पर लिया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘वह हमेशा एक कॉल की दूरी पर होती हैं. हम और सशक्त महसूस कर रहे हैं.’’ तृणमूल नेता ने कहा कि पार्टी के सभी सांसदों ने बनर्जी को सर्वसम्मति से अपना नेता चुना है. उल्लेखनीय है कि बनर्जी सांसद नहीं हैं.
ममता ने किया मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल का आह्वान
पश्चिम बंगाल में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की शानदार जीत से उत्साहित तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2024 के लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्षी एकता का आह्वान किया है.
तृणमूल प्रमुख, जो अपने करियर के सबसे कठिन चुनावों में से एक को जीतने के बाद सबसे मजबूत विपक्षी चेहरे के रूप में उभरी हैं, जाहिर तौर पर राष्ट्रीय राजनीति में एक बड़ी भूमिका निभाने की कोशिश करती नजर आ रही हैं. इस सप्ताह की शुरुआत में पार्टी की ‘शहीद दिवस रैली’ में उन्होंने अपना वार्षिक संबोधन हिंदी, अंग्रेजी और बंगाली में दिया था. इस दौरान बनर्जी ने विपक्षी नेताओं से मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने के वास्ते एकजुट होने और 'गठबंधन' के गठन की दिशा में काम शुरू करने के लिए कहा था.
तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने कहा, ‘‘कोई भी इस बात से इनकार नहीं कर सकता कि ममता बनर्जी विपक्षी राजनीति के केंद्र के रूप में उभरी हैं. यदि आप उनके भाषण को देखते हैं, तो आपको पता चलेगा कि वह भाजपा विरोधी वोटों को एकत्र करना चाहती हैं और भाजपा के खिलाफ लोगों का गठबंधन बनाना चाहती हैं.’’
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