'...आखिरी सांस तक लड़ती रहूंगी', बोलीं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी
West Bengal News: दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने छात्रों से हमेशा पॉजिटिव रहने की अपील की.
Mamata Banerjee News: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार (6 फरवरी) को सेंट जेवियर्स विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि वह संविधान (Constitution) की रक्षा के लिए आखिरी सांस तक लड़ती रहेंगी. दीक्षांत समारोह में उन्हें मानद डीलिट से सम्मानित किया गया. सीएम बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कहा कि सभी को इस देश की एकता की रक्षा के लिए काम करना चाहिए.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, "हमारा संविधान एक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक देश के रूप में भारत की नींव रखता है. मैं इसकी रक्षा के लिए अपनी आखिरी सांस तक लड़ूंगी. हमें भूख से लड़ना चाहिए, हमें गरीबी से लड़ना चाहिए, हमें अन्याय और असमानता से लड़ना चाहिए."
सीएम को मानद डीलिट से सम्मानित किया गया
सेंट जेवियर्स विश्वविद्यालय के कुलपति फादर फेलिक्स राज ने कहा कि सीएम बनर्जी को सामाजिक सेवाओं के क्षेत्र में उनके योगदान और शिक्षा के प्रसार के लिए सम्मानित किया गया है. विश्वविद्यालय के न्यू टाउन परिसर में आयोजित एक समारोह में राज्यपाल सीवी आनंद बोस की उपस्थिति में उन्हें डीलिट (डॉक्टर ऑफ लेटर्स) का प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया. इसे स्वीकार करते हुए, सीएम बनर्जी ने कहा कि वे इसे राज्य और देश के लोगों को समर्पित कर रही हैं, जिनके बिना ने कुछ भी नहीं हैं.
"कभी भी नेगेटिव न सोचें"
उन्होंने कहा, "मैं जो कुछ भी हूं, आम आदमी की वजह से हूं." उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, "कभी भी उदास महसूस न करें और कभी भी नेगेटिव न सोचें." मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि राज्य में उनके कार्यकाल के दौरान 50 से अधिक कॉलेज और कई विश्वविद्यालय बनाए गए हैं.
राज्यपाल ने की मुख्यमंत्री की तारीफ
इस कार्यक्रम में राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने लंबे सामाजिक जीवन और सार्वजनिक सेवाओं के लिए विभिन्न अन्य गतिविधियों के कारण मानद डीलिट की सही मायने में हकदार हैं. सीवी बोस ने कहा, "उनके राजनीतिक कौशल के लिए उन्हें पहले ही लोगों से पहचान मिल चुकी है. ऐसा कहा जाता है कि जब एक महिला का सम्मान किया जाता है, तो देवता स्वर्ग में जश्न मनाते हैं. जॉन मिल्टन, विंस्टन चर्चिल और अटल बिहारी वाजपेयी की तरह ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने साहित्यिक कार्यों में अपनी पहचान बनाई है."
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