कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बीजेपी में वार पलटवार का दौर जारी है. आज ममता ने बीजेपी की तुलना चंबल के डकैत से कर दी. उन्होंने जलपाईगुड़ी में एक सभा में कहा, ''बीजेपी से बड़ा कोई चोर नहीं है. वे चंबल के डकैत हैं... उन्होंने 2014, 2016, 2019 के चुनावों में कहा था कि सात चाय बागानों को फिर से खोला जाएगा और कहा कि केंद्र उन्हें टेकओवर करेगा. अब वे नौकरी का वादा कर रहे हैं, धोखा दे रहे हैं.''


ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘बीजेपी के लिए हर कोई चोर है और वे संत हैं. उसने राज्य के लोगों को धमकाने के लिए चंबल क्षेत्र से डकैतों को भेजा है.’’


ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह आईपीएस अधिकारियों को अपने अंदर सेवा देने के लिए तलब कर राज्य के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप कर रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के काफिले पर हमला नहीं किया गया.


बनर्जी ने कहा, ‘‘अगर बीजेपी और केंद्र सरकार सोचती है कि वे केंद्रीय बल यहां लाकर और राज्य कैडर के अधिकारियों का तबादला कर हमें डरा देंगे तो वे गलत सोच रहे हैं. केंद्र हमारे अधिकारियों को तलब कर रहा है...कोई भी उन्हें (नड्डा) या उनके काफिले को चोट पहुंचाना नहीं चाहता था.’’


उन्होंने कहा, ‘‘उनके काफिले में इतनी कारें क्यों थीं? दोषी अपराधी उनके साथ क्यों थे? जिन गुंडों ने पिछले वर्ष ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ी, वे भी नड्डा के साथ थे... इस तरह के गुंडों को खुला घूमते देखकर लोग क्रोधित हो गए...मैं केंद्र को चुनौती देती हूं कि बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाकर दिखाए.’’


बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में शरणार्थी कॉलोनी को मान्यता दी गई है और किसी को भी राष्ट्रीय नागरिक पंजी, संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को लेकर डरने की जरूरत नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘बीजेपी ने दंगों और समुदायों के बीच नफरत का नया धर्म पैदा किया है.’’


पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसके लिए टीएमसी, बीजेपी, कांग्रेस-वामदल गठबंधन कमर कस चुकी है.


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