कोलकाता बंदरगाह न्यास के कार्यक्रम में नहीं पहुंचीं ममता बनर्जी, पीएम मोदी ने समारोह को किया संबोधित
पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि राज्य सरकार केन्द्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन की इच्छुक नहीं है क्योंकि यह ‘सिंडिकेट’ को लाभ पहुंचाने वाला नहीं है.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज कोलकाता बंदरगाह न्यास की स्थापना के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा नहीं किया. इस समारोह में ममता बनर्जी भी आमंत्रित थीं लेकिन उन्होंने कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी.
ममता बनर्जी नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) से जोड़ते हुए लगातार केंद्र को निशाने पर ले रही हैं. कल ही जब उन्होंने राजभवन में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की तो उन्होंने इस दौरान सीएए और एनआरसी का मुद्दा उठाया. उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि सीएए का हम विरोध करते रहेंगे, इस कानून को वापस लिया जाना चाहिए.
ममता बनर्जी जब राजभवन में पीएम मोदी के साथ मिलकर निकलीं तो उन्हें कोलकाता में छात्रों के विरोध-प्रदर्शन का सामना करना पड़ा. हालांकि ममता ने दोहराया कि वह सीएए के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखेंगी. वहीं विपक्षी दल कांग्रेस और माकपा ने प्रधानमंत्री मोदी और बनर्जी के बीच बैठक को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी का ‘‘दोहरा मापदंड’’ बेनकाब हो गया है.
माकपा के पोलित ब्यूरो के सदस्य मोहम्मद सलीम ने कहा, ‘‘ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस अब बेनकाब हो गये हैं. हम लंबे समय से यह कहते रहे हैं कि तृणमूल कांग्रेस बंगाल में बीजेपी की बी टीम है.’’ सलीम ने कहा, ‘‘अब यह साबित हो गया है. वह भाजपा से लड़ना नहीं चाहती, बल्कि वह राज्य में भगवा खेमे की मदद कर रही है. दोनों पार्टियों के बीच यह मैच फ़िक्सिंग चल रही है.’’
कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने भी सलीम के विचारों को दोहराया और कहा कि राज्य के लोग ‘‘विश्वासघात करने के लिए बनर्जी को मुंहतोड़ जवाब देंगे.’’
पीएम मोदी का ममता बनर्जी पर निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केन्द्र सरकार पश्चिम बंगाल और यहां रहने वाले वंचित तबके के विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. पीएम मोदी ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार केन्द्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन की इच्छुक नहीं है क्योंकि यह ‘सिंडिकेट’ को लाभ पहुंचाने वाला नहीं है.
प्रधानमंत्री ने कोलकाता बंदरगाह न्यास की स्थापना के 150 वर्ष पूरा होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में इसका नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम कर करने की घोषणा की और कहा कि देश के तट विकास के मुख्यद्वार हैं. उन्होंने कहा,‘‘ जलमार्गों के विकास ने कोलकाता बंदरगाह न्यास और पूर्वी भारत के औद्योगिक केन्द्रों के बीच संपर्क में सुधार किया है. साथ ही भूटान, म्यामांर और नेपाल जैसे हमारे पड़ोसी देशों के साथ व्यापार को सुगम बनाया है.’’
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पीएम मोदी ने कहा, ‘‘हमारे देश के तट विकास के प्रवेश द्वार हैं और हमारी सरकार ने संपर्क में सुधार करने के लिए सागरमाला कार्यक्रम की शुरुआत की .’’ उन्होंने कहा कि बंगाल की जनता को केन्द्र की सभी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘केन्द्र पश्चिम बंगाल, यहां के गरीबों, दलितों, वंचित और पिछड़े वर्ग के विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है और जैसे ही पश्चिम बंगाल सरकार केन्द्र की आयुष्मान भारत योजना तथा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि को मंजूरी देगी वैसे ही यहां की जनता को भी इन योजनाओं का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा.’’
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