Mamata Banerjee Soft Hindutva: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आजकल सॉफ्ट हिंदुत्व की राजनीति कर रही हैं. टीएमसी चीफ हिंदू वोट साधने के लिए हर वो काम कर रही हैं जिससे इस समुदाय का झुकाव उनकी तरफ हो सके. इसी क्रम में उन्होंने गंगा आरती की शुरुआत की है. ये आरती उसी जगह हो रही है जहां पर बीजेपी को आरती करने से ये कह कर मना कर दिया था कि गंगा सागर में भीड़ बहुत होती है.
इसे सीएम बनर्जी के सॉफ्ट हिंदुत्व कार्ड के तौर पर देखा जा रहा है. सरकार के इस आयोजन को पंचायत चुनाव के पहले हिन्दू वोट बैंक को साधने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है. पश्चिम बंगाल की राजनीति में आरती की बड़ी भूमिका हो गई है क्योंकि ममता बनर्जी की नजर उन 1 करोड़ वोटर्स पर है जो हिंदी भाषी हैं और कई सालों से पश्चिम बंगाल में रह रहे हैं.
पश्चिम बंगाल में आरती पर राजनीति
बीजेपी युवा मोर्चा के नेता इंद्रनील खान ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "यह बहुत दिन पहले करना था, लेकिन 34 सालों तक वाम का शासन चला. उसके बाद ममता बनर्जी को पिछले 12 साल तक ये याद नहीं आया. हमलोग बार-बार गंगा आरती के बारे में बोल रहे थे और हम लोग खुद जब गंगा आरती करने गए तो हमारे प्रदेश की अध्यक्ष माननीय सुकांता मजूमदार को ममता बनर्जी की पुलिस ने रोका था.” उन्होंने आगे कहा कि ये और कुछ नहीं सिर्फ बीजेपी की नकल की जा रही है.
तो वहीं तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत रॉय ने आरोपों को झुठलाते हुए कहा, "गंगा के साथ लगाव तो तृणमूल कांग्रेस का पहले से है. गंगा एक नदी है, जो पश्चिम बंगाल के बीच से मालदा मुर्शिदाबाद से समुद्र तक जाती है. गंगा हमें जीवन देती है तो गंगा की पूजा करने में कोई हिंदुत्व कार्ड नहीं है. गंगा हमें जान देती है. वही गंगा को नमन करना है." उन्होंने आगे कहा कि पंचायत का चुनाव तो जल्द ही होगा. इसके साथ गंगा आरती का कोई संपर्क नहीं है. आप देखेंगे तो ज्यादातर तो शहरी इलाका हो जाता है.” उन्होंने कहा कि केंद्र पैसा नहीं देता है, उसके लिए हम को यह बोलना है.
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