WB Politics: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को दावा किया कि राज्य के सिंगूर से टाटा मोटर को उन्होंने नहीं, बल्कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) ने भगाया था. बनर्जी ने यहां ‘बिजया सम्मिलनी’ के बाद की सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि उन्होंने सिंगूर के किसानों की केवल वे जमीनें लौटाई थीं, जिन्हें हुगली जिले के सिंगूर में टाटा मोटर की नैनो कार फैक्ट्री के लिए पूर्व वाम मोर्चा सरकार ने जबरन कब्जें में ले लिया था.
ममता बनर्जी ने कहा, ''ऐसे लोग हैं जो अफवाह फैला रहे हैं कि मैंने टाटा को पश्चिम बंगाल से भगा दिया है. मैंने उन्हें जाने के लिए मजबूर नहीं किया, बल्कि यह माकपा थी जिसने उन्हें भगाया.’’ सीएम ने आगे कहा कि मैंने सोचा था कि इस में कोई राजनीतिक बयान नहीं दूंगी, लेकिन ऐसा कहना पड़ रहा है.
उन्होंने माकपा पर निशाना साधते हुए कहा, ''आपने (माकपा ने) नैनो कार की फैक्ट्री के लिए किसानों से जबरन जमीन ले ली थी और हमने वह जमीन उन लोगों को लौटा दी. हमने भी बहुत सारी परियोजनाएं शुरू की हैं, लेकिन कभी किसी से जबरन जमीन नहीं ली. हम जबरन जमीन क्यों लें? जब यहां जमीन की कोई कमी नहीं है.''
भूमि अधिग्रहण आंदोलन ने ममता को जीत दिलाने में की थी मदद
सिंगूर में 2000 के दशक के मध्य में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन के लिए ममता बनर्जी की अक्सर उनके विरोधियों, विशेष रूप से माकपा उनकी आलोचना करती है, जिसमें उनपर आरोप लगाती है कि उनकी ही वजह से टाटा समूह को अपनी महत्वाकांक्षी नैनो कार निर्माण परियोजना को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा, जबकि इस परियोजना का कुछ काम पूरा भी हो चुका था. इस परियोजना से हजारों नौजवानों को नौकरियां मिलती. इस आंदोलन ने राज्य में ममता बनर्जी को जीत दिलाने में बड़ी मदद की थी, जिसमें उन्होंने 2011 में 34 साल की वाम-मोर्चा सरकार को शिकस्त देकर जीत हासिल की थी.
ममता बनर्जी ने कहा-हम लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार देंगे
अडाणी समूह की ताजपुर बंदरगाह परियोजना और देउचा पचामी कोयला खदान परियोजना का जिक्र करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, ''बंगाल में हम कोई भेदभाव नहीं करते हैं. हम चाहते हैं कि हर उद्योगपति यहां निवेश करे.''
वहीं, कोलकाता में स्कूली नौकरियों के लिए चल रहे आंदोलन की ओर इशारा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार लोगों को रोजगार देना जारी रखेगी, हालांकि ऐसी ताकतें हैं जो बाधा पैदा करती हैं. बनर्जी ने कहा, ''मैं यहां बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करना चाहती हूं, लेकिन कुछ ऐसी ताकतें हैं जो नहीं चाहतीं कि यहां के लोगों को रोजगार मिले. वे उनके लिए बाधा उत्पन्न करती रहती हैं. हम लोगों को रोजगार देना बंद नहीं करेंगे. हम उन्हें नियमित रूप से रोजगार देंगे और नौकरी नहीं छीनेंगे.''