पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी का केंद्र सरकार पर हमला, कहा- कृषि बिल देश को अकाल की तरफ ले जाएगा
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी बीजेपी के कई सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे. सत्ताधारी पार्टी के पास बहुमत नहीं था इसके बावजूद बिल को पारित कराया गया.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा विपक्ष के जबरदस्त हंगामे के बीच दोनों सदनों से कृषि बिल पारित हो गया है. विपक्ष इस मुद्दे पर लगातार हमलावर है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है. बनर्जी ने कहा कि यह नया बिल किसानों के हितों की हत्या करने वाला है. इस बिल में केंद्र ने राज्यों और विपक्षी पार्टियों को विश्वास में नहीं लिया. यह बिल देश में अकाल लाने वाला कानून है.
बता दें कि रविवार को ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने इस मुद्दे पर राज्यसभा में जमकर हंगामा किया. टीएमसी सहित सारा विपक्ष केंद्र सरकार के इस नए बिल का विरोध कर रहा है. ममता बनर्जी ने इस बात पर भी सरकार पर निशाना साधा कि बिना मत विभाजन के यह कानून पारित करा दिया गया. ममता की पार्टी ने इस कदम को लोकतंत्र की हत्या ठहराया था. बता दें कि इससे पहले भी टीएमसी के सांसद कल्याण बनर्जी ने सभापति पर सत्ताधारी बीजेपी का पक्ष लेने का आरोप लगाया था.
When a division was asked for, as per Parliamentary rules, BJP due to having less members present, resorted to violence to pass agriculture bills. Central Govt took power of states to regulate prices for farmers & are orchestrating 'food-pandemic': Mamata Banerjee, West Bengal CM pic.twitter.com/TXP2JZRjfv
— ANI (@ANI) September 21, 2020
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी बीजेपी के कई सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे. सत्ताधारी पार्टी के पास बहुमत नहीं था इसके बावजूद बिल को पारित कराया गया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों के अधिकार क्षेत्र में दखल देने का प्रयास किया है. फसलों के दामों को तय करने क अधिकार राज्य सरकारों का होता है लेकिन केंद्र सरकार ने इसका अतिक्रमण किया.
बता दें कि कृषि बिल के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के किसान कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों की आशंका है कि इस बिल से प्राइवेट प्येयर्स को प्रश्रय दिया जाएगा. किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म होने की भी चिंता सता रही है. हालांकि प्रधानमंत्री ने कई बार यह स्पष्ट किया है कि सरकार एमएसपी को नहीं हटाने जा रही है.