नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में हुए कोल घोटाले के मुख्य आरोपी अनूप मांझी उर्फ लाला की प्रवर्तन निदेशालय ने लगभग 166 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति आरंभिक तौर पर जब्त कर ली. इस संपत्ति में फैक्ट्री की जगह, प्लांट और मशीनरी समेत दो कंपनियों इस्पात दामोदर प्राइवेट लिमिटेड और सोनिक थर्मल प्राइवेट लिमिटेड का सामान भी शामिल है. यह मैन्युफैक्चर प्लांट और कंपनी पश्चिम बंगाल की पुरुलिया और बांकुरा में बताई गई है और इनका लाभकर्ता अनूप को बताया गया है.


ईडी के एक आला अधिकारी ने बताया कि मामले की यह जांच सीबीआई कोलकाता द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई थी. सीबीआई ने अपने यहां दर्ज मुकदमे में जो धाराएं लगाई थीं उनके आधार पर ईडी ने मनी लांड्रिंग के तहत जांच शुरू की थी. ईडी को जांच के दौरान पता चला कि इस मामले के मुख्य आरोपी अनूप मांझी लाला ने शैल कंपनियों के जरिए दो किस्तों में दामोदर प्राइवेट लिमिटेड और सोनिक थर्मल प्राइवेट लिमिटेड को पैसा भेजा था. जो पैसा इन कंपनियों के जरिए भेजा गया था, वह अपराध से कमाया गया था. ईडी अधिकारी के मुताबिक इनमें पहली किस्त 67 करोड़ 80 लाख और दूसरी किस्त 98 करोड़ 6 लाख रुपये थी, यानी कुल मिलाकर 165 करोड़ 86 लाख रुपया इन कंपनियों को भेजा गया था.


आरोप है कि इस पैसे के जरिए इन कंपनियों के शेयर खरीदे गए थे. ईडी के आला अधिकारी के मुताबिक जांच के दौरान इस मामले में विकास मिश्रा और अशोक मिश्रा को गिरफ्तार किया गया. इनमें विकास मिश्रा उस विनय मिश्रा का भाई है जो कोलकाता की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का खासम खास बताया जाता है और टीएमसी की युवा विंग में महासचिव भी बताया जाता है. विनय मिश्रा इस मामले में अब तक फरार बताया जाता है, जबकि अनूप मांझी लाला से सीबीआई पूछताछ कर रही है.


सुप्रीम कोर्ट ने 6 अप्रैल तक उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई हुई है. ईडी के आला अधिकारी के मुताबिक जांच के दौरान जब यह साबित हो गया कि उक्त दोनों कंपनियों में अनूप द्वारा पैसे लगाए गए थे, तो लगभग 186 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति को आरंभिक तौर पर जब्त कर लिया गया है. ईडी के आला अधिकारी के मुताबिक विकास मिश्रा अभी न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में है, जबकि अशोक मिश्रा को ईडी ने रविवार को गिरफ्तार किया था और वह 7 अप्रैल तक पूछताछ के लिए ईडी की कस्टडी में है. मामले की जांच जारी है.


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