नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) से कांग्रेस के गठबंधन पर पार्टी के नेता आनंद शर्मा ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस चयनात्मक नहीं हो सकती है. साथ ही आनंद शर्मा ने कहा कि आईएसएफ जैसे दलों से साथ कांग्रेस का गठबंधन पार्टी की मूल विचारधारा के खिलाफ है.
कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के ‘समूह 23’ में शामिल आनंद शर्मा ने कहा, ''सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस चयनात्मक नहीं हो सकती है. हमें हर सांप्रदायिकता के हर रूप से लड़ना है. पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की उपस्थिति और समर्थन शर्मनाक है, उन्हें अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए.''
उन्होंने कहा, ''आईएसएफ और ऐसे अन्य दलों से साथ कांग्रेस का गठबंधन पार्टी की मूल विचारधारा, गांधीवाद और नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है, जो कांग्रेस पार्टी की आत्मा है. इन मुद्दों को कांग्रेस कार्य समिति पर चर्चा होनी चाहिए थी.''
आनंद शर्मा के वार पर पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि मैं बंगाल का प्रभारी हूं लेकिन बिना अनुमति को कोई फैसला नहीं लेता हूं.
बता दें कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस ने वामदलों और अब्बास सिद्दीकी की पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) से गठबंधन किया है. रविवार को तीनों दलों ने कोलकाता के ब्रिगेड मैदान में साझा रैली की थी. हालांकि तीनों ही दलों के बीच सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है.
बता दें कि पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में वोट डाले जाएंगे. पश्चिम बंगाल की 294 सीटों पर 27 मार्च, एक, छह, 10, 17, 22, 26 और 29 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. वहीं दो मई को वोटों की गिनती होगी.
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