एक्सप्लोरर

पश्चिम बंगाल चुनाव: चोपड़ा विधानसभा सीट के मुसलमान वोटर किस तरह की समस्या से जूझ रहे हैं? पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट

आरोप-प्रत्यारोप के बीच ये समझना ज़रूरी है कि पश्चिम बंगाल के मुसलमान वोटर किस तरह की समस्या से जूझ रहे हैं. क्या ममता बनर्जी के सत्ता में रहने पर उन्हें ज़रूरी सुविधाएं मुहैया हो रही हैं? क्या ममता के काम काज से मुसलमान खुश हैं? इन सवालों के साथ एबीपी न्यूज़ ने बंगाल की चोपड़ा विधानसभा सीट पर कुछ लोगों से बात की. साथ ही तमाम पार्टियों के लीडर से भी इन मुद्दों को लेकर सवाल किए.

कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान तमाम पार्टियां जीत का दम भर रही हैं. कोरोना संकट के बीच भी रैलियां और रोड शो बकायदा जारी है. इन सब के बीच बंगाल में मुसलमान वोटर किसके साथ है, इसको लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. बीजेपी के तमाम बड़े नेता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते रहे हैं. हालांकि ममता ने इन आरोपों से हमेशा ही इनकार किया है.

आरोप-प्रत्यारोप के बीच ये समझना ज़रूरी है कि पश्चिम बंगाल के मुसलमान वोटर किस तरह की समस्या से जूझ रहे हैं. क्या ममता बनर्जी के सत्ता में रहने पर उन्हें ज़रूरी सुविधाएं मुहैया हो रही हैं? क्या ममता के काम काज से मुसलमान खुश हैं? इन सवालों के साथ एबीपी न्यूज़ ने बंगाल की चोपड़ा विधानसभा सीट पर कुछ लोगों से बात की. साथ ही तमाम पार्टियों के लीडर से भी इन मुद्दों को लेकर सवाल किए.
 
पेशे से किसान ज़हीरुल इस्लाम की आठ साल पहले पैर की हड्डी टूट गई थी, तब से वो जैसे तैसे अपना गुज़र बसर कर रहे हैं. जहीरुल की मांग है कि जिस तरह से सरकार वृद्धों को या फिर विकलांगों को हजार रुपए प्रतिमाह वृद्ध भाटा दे रही है, वह उन्हें भी मिले. लेकिन बार-बार सरकार से गुहार लगाने के बाद भी उनको उनका हक नहीं मिल पाया है.

ज़हीरुल इस्लाम ने बताया, "मैं अपने पूरे जीवन में एक किसान रहा हूं. 8 साल पहले मेरा पैर टूट गया था. अब मैं चलने में असमर्थ हूं, इसलिए मैं कभी-कभी भीख मांगता हूं क्योंकि कई बार बीडीओ के पास जाने के बाद भी हमें अपने बुढ़ापे के भत्ते या भत्ते के लिए विकलांग श्रेणी का प्रमाण पत्र नहीं मिला है. मुझे बताया गया है कि यह किया जाएगा, लेकिन कुछ नहीं हुआ है. मुझे केवल एक कप चाय के साथ अपना रोजा खोलना पड़ा, क्योंकि हमारे पास भोजन नहीं है. मैंने  नमाज़ और रोज़ा नहीं रोका है. लेकिन मुझे नहीं पता कि मुझे खाना कब मिलेगा."

जहीरुल इस्लाम ने बताया कि मेरी पत्नी बगीचे में काम करती है, लेकिन उसे महीने में एक या दो बार बुलाया जाता है.

चोपड़ा विधानसभा सीट के कुलागांव पंचायत इलाके की यह कहानी अकेले जहीरुल की ही नहीं है. ऐसे कई लोग हैं, जो पिछले कई वर्षों से उम्र के 60 वर्ष के पड़ाव को पार कर चुके हैं, लेकिन सरकार की ओर से हजार रुपए महीने का भत्ता अभी भी नसीब नहीं हुआ है. जहीरुल कभी भीख मांग लेते हैं, तो कभी चंदा इकट्ठा कर लेते हैं, लेकिन बाकियों को आज भी सड़क पर उतरकर हाथ फैलाने में शर्म आती है, लिहाजा कभी खाना मिलता है और कभी पानी पीकर ही सो जाते हैं.

सपीजुद्दीन का कहना है, "मैंने पिछले पांच वर्षों में कई बार अपने दस्तावेज सरकार को सौंपे हैं, लेकिन मुझे भत्ते के रूप में कुछ भी नहीं मिला है. समस्या यह है कि ज्यादातर समय मुझे आश्वासन दिया गया था कि मुझे अपना एक हजार रुपये का वृद्धावस्था भत्ता मिलेगा, लेकिन पांच साल में कुछ भी नहीं मिला है. मेरा शरीर दर्द करता है, मेरे पास एक टूटा हुआ अंग है और अगर मुझे कुछ मिल जाए तो कम से कम मैं ठीक से खाने में सक्षम हो सकता था. मुझे ग्रामीणों द्वारा दिए गए भोजन या सरकार से हमें एक बार में मिलने वाले भोजन पर निर्भर रहना होगा"

चोपड़ा विधानसभा में 70 फ़ीसदी से ज्यादा में मुसलमान वोटर हैं. ममता बनर्जी पर हमेशा यह आरोप लगता रहा है कि वह एक समुदाय के लिए तुष्टीकरण की राजनीति करती हैं, लेकिन इसी समुदाय के लोगों का आरोप है कि दीदी वोट के समय उन्हें याद रखती हैं और बाकी समय भूल जाती हैं.

शाह बानो पश्चिम बंगाल सरकार से निराशा ज़ाहिर करते हुए कहती हैं, "हमें राज्य सरकार से एक भी हक नहीं मिला है. मेरे पति बंगाल से बाहर काम करते हैं और अपनी कमाई भेजते हैं. हमें यहां कुछ नहीं मिला है.

उन्होंने बताया, "इस गांव और इस इलाके से बहुत सारे लोग बाहर जाकर काम करते हैं. यानी कि बंगाल के बाहर उन्हें हजारों रुपए मिल जाते हैं, लेकिन बंगाल में रहकर हजार रुपए भी घर पर नसीब नहीं हो रहा है. लिहाजा बाहर जाकर नौकरी करना ही एक तरीका रह जाता है. लेकिन कोरोना ने ये भी छीन लिया और अधिकतर मजदूर अब प्रवासी मजदूर के तौर पर वापस अपने गांव आ चुके हैं."

प्रवासी मज़दूर ख़ज़ीमुद्दीन ने बताया, "मैं नोएडा में काम कर रहा था और हर महीने केवल 15000 रुपये कमा रहा था, लेकिन कोई बचत नहीं थी. अब कोई काम नहीं है और हम वापस आ गए हैं और यहां भी कोई काम नहीं. अब मैं अपने छोटे से खेत में कृषि का काम कर रहा हूं. लेकिन समय है कि मैं विकास के लिए मतदान करूं."

इन दिक्कतों को लेकर जब एबीपी न्यूज़ ने नेताओं से सवाल किया तो जवाब वही पुराना और घिसा पिटा था, कि इस मामले की जांच कर रहे हैं और जिसने गलतियां की हैं उस पर कार्रवाई भी होगी. 10 वर्षों से सरकार में रहने वाली तृणमूल कांग्रेस को इन गरीबों की आवाज क्यों नहीं सुनाई दी. इसका जवाब अभी मिलना बाकी है.

लोकल टीएमसी लीडर आसिम चटर्जी ने कहा, "हमें इसके बारे में अभी जानकारी मिली है. जिन लोगों को भाता अभी तक नहीं मिला है, उन्हें उनका हक दिलाने की पूरी कोशिश की जाएगी और जल्द से जल्द हम उनतक यह रुपये भी पहुंचाएंगे. उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी करेंगे, जिनकी वजह से यह संभव नहीं हो सका है.

चोपड़ा विधानसभ सीट से बीजेपी की उम्मीदवार शाहीन अख्तर दावा करती हैं, "सरकार द्वारा भेजा गया कुछ भी जमीन पर लोगों तक नहीं पहुंच रहा है. कट मनी के खिलाफ जॉब कार्ड बनाए जा रहे हैं. योजनाओं के तहत घर नहीं बनाए जा रहे हैं. लोगों तक कुछ भी नहीं पहुंच रहा है. क्योंकि टीएमसी पैसे खा रही है. इसलिए ग्रामीणों को वृद्धावस्था भत्ते या विकलांग भत्ते भी नहीं मिल रहे हैं. 

उन्होंने कहा, "हम अपने संकल्प पत्र को लोगों तक ले जा रहे हैं. लेकिन ममता बनर्जी जनता को चुनौती दे रही हैं कि हम उन गायों को भी पालेंगे जो हमें दूध देती हैं. ममता ने शाम को हिजाब पहन रखा है और अब बीजेपी के डर से मंत्र जप रही हैं और तुलसी को जल चढ़ा रही हैं.

इस सीट से सीपीआईएम के उम्मीदवार अनवारुल हक हैं. उनका कहना है, "इस तरह की विसंगतियां हर जिले और गांव स्तर पर भी हैं. आप सोच सकते हैं कि लोगों को 2018 के पंचायत स्तर के चुनाव में भी वोट देने की अनुमति नहीं थी. इसलिए अब यह स्पष्ट है कि लोग इस तरह की समस्याओं को जमीन पर उठा रहे हैं और उनके खिलाफ भी मतदान करेंगे.

अनवारुल हक ने कहा, "बात सिर्फ वृद्ध भत्ता या फिर महंगाई भत्ता की नहीं है. सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार प्रशासन अपनी ही निकाली हुई स्कीम्स और योजनाओं को जमीन पर क्यों नहीं जनता को उपलब्ध करवाता है. यह पैसा सरकार खर्च करने के लिए तो रखती है, लेकिन उन तक पहुंचता नहीं, जिसे इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है."

आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में पांच चरणों की वोटिंग हो चुकी है. कोरोना संकट के बीच भी बंगाल की जनता उत्साह के साथ वोट करती नज़र आ रही है. 17 अप्रैल को हुए पांचवें चरण के मतदान में करीब 82 फीसदी वोटिंग हुई. अब तीन चरणों के चुनाव बाकी हैं. ऐसे में तमाम पार्टियां अभी भी वोटरों को लुभाने की कोशिशों में जुटी हुई हैं. हालांकि जनता के मन में क्या है इसका पता तो 2 मई को चुनावी नतीजे आने के बाद ही चलेगा.

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Earthquake in Delhi-NCR: दिल्ली-NCR में सुबह-सुबह लगे भूकंप के झटके,  PM मोदी ने जनता से की ये अपील
दिल्ली-NCR में सुबह-सुबह लगे भूकंप के झटके,  PM मोदी ने जनता से की ये अपील
Weather Forecast: कभी भी पलट सकता है यूपी-दिल्ली NCR का मौसम, दो दिन बाद बारिश! राजस्थान, बिहार से लेकर पूरे उत्तर भारत का अपडेट, जानें
कभी भी पलट सकता है यूपी-दिल्ली NCR का मौसम, दो दिन बाद बारिश! राजस्थान, बिहार से लेकर पूरे उत्तर भारत का अपडेट, जानें
Earthquake in Delhi-NCR: 'ऐसा लगा मानो धरती फटने वाली हो', दिल्ली-NCR में लगे भूकंप के झटकों पर क्या बोले लोग?
'ऐसा लगा मानो धरती फटने वाली हो', दिल्ली-NCR में लगे भूकंप के झटकों पर क्या बोले लोग?
यूपी में भूकंप के काफी तेज झटके, नोएडा और गाजियाबाद समेत इन जगहों पर घर से बाहर भागे लोग
यूपी में भूकंप के काफी तेज झटके, नोएडा और गाजियाबाद समेत इन जगहों पर घर से बाहर भागे लोग
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

New Delhi Railway Station Stampede: नहीं थे इंतजाम...फिर क्यों किए दावे तमाम? | Breaking NewsNew Delhi Railway Station Stampede: 3 ट्रेन.. 1 प्लेटफॉर्म.. तय था मौत का तूफान! | Breaking NewsDelhi Railway Station Stampede: प्रयागराज से दिल्ली..बदला कुछ नहीं! नई दिल्ली भगदड़ के 'वो' विलेन!Sandeep Chaudhary: कोई नहीं कसूरवार.. जनता अपनी जान की खुद कसूरवार ! Delhi Railway Station Stampede

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Earthquake in Delhi-NCR: दिल्ली-NCR में सुबह-सुबह लगे भूकंप के झटके,  PM मोदी ने जनता से की ये अपील
दिल्ली-NCR में सुबह-सुबह लगे भूकंप के झटके,  PM मोदी ने जनता से की ये अपील
Weather Forecast: कभी भी पलट सकता है यूपी-दिल्ली NCR का मौसम, दो दिन बाद बारिश! राजस्थान, बिहार से लेकर पूरे उत्तर भारत का अपडेट, जानें
कभी भी पलट सकता है यूपी-दिल्ली NCR का मौसम, दो दिन बाद बारिश! राजस्थान, बिहार से लेकर पूरे उत्तर भारत का अपडेट, जानें
Earthquake in Delhi-NCR: 'ऐसा लगा मानो धरती फटने वाली हो', दिल्ली-NCR में लगे भूकंप के झटकों पर क्या बोले लोग?
'ऐसा लगा मानो धरती फटने वाली हो', दिल्ली-NCR में लगे भूकंप के झटकों पर क्या बोले लोग?
यूपी में भूकंप के काफी तेज झटके, नोएडा और गाजियाबाद समेत इन जगहों पर घर से बाहर भागे लोग
यूपी में भूकंप के काफी तेज झटके, नोएडा और गाजियाबाद समेत इन जगहों पर घर से बाहर भागे लोग
MTV Roadies XX: प्रिंस नरूला पर लगाया 20 लाख रिश्वत मांगने का आरोप, पत्नी युविका चौधरी का नाम सुनते ही हुए आग-बबूला
प्रिंस नरूला पर लगाया 20 लाख रिश्वत मांगने का आरोप, पत्नी युविका चौधरी का नाम सुनते ही हुए आग-बबूला
Delhi Weather: दिल्ली में झुलसाने वाली गर्मी से पहले प्रदूषण का खतरा, छाए रहेंगे बादल, जानें कब होगी बारिश?
दिल्ली में झुलसाने वाली गर्मी से पहले प्रदूषण का खतरा, छाए रहेंगे बादल, जानें कब होगी बारिश?
Jobs 2025: बिजली विभाग में निकली बंपर भर्ती, जानें कौन और कब से कर सकता है अप्लाई
बिजली विभाग में निकली बंपर भर्ती, जानें कौन और कब से कर सकता है अप्लाई
Earthquake In North India: 'भूकंप काफी डरावना, महादेव सबको सुरक्षित रखें, सुबह-सुबह डोली धरती तो बोले गिरिराज सिंह
'भूकंप काफी डरावना, महादेव सबको सुरक्षित रखें, सुबह-सुबह डोली धरती तो बोले गिरिराज सिंह
Embed widget

We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking "Allow All Cookies", you agree to our use of cookies.