बंगाल: कोयला घोटाला में और लोगों से होगी पूछताछ, चिटफंड मामले में पार्थ चटर्जी को किया तलब
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच के दौरान पता चला है कि इन लोगों के कथित विदेशी खातों में कुछ भारतीय लोगों ने विदेशी मुद्रा पाउंड्स के जरिए लाखों रुपये जमा कराए हैं. सीबीआई जानना चाहती है कि इनका आखिर ऐसा कौन सा धंधा है, जिसके चलते इन लोगों ने अपने कथित विदेशी खातों में विदेशी मुद्रा पाउंड्स लिए.
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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की बढ़ती तपिश के बीच सीबीआई की जांच भी अहम मोड़ पर पहुंच रही है और आने वाला हफ्ता वहां के राजनेताओं और अन्य अहम लोगों से पूछताछ और छापेमारी का सुपर सप्ताह साबित हो सकता है. जांच के दौरान यह खुलासा भी हुआ है कि ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड का एक महाप्रबंधक कोयले की दलाली में साथ देने के लिए सरकारी तनख्वाह के अलावा एक करोड़ रुपये का सालाना पैकेज भी दलालों से लेता था.
पश्चिम बंगाल में चुनाव की सरगर्मियां पूरे जोरों पर है. एक तरफ व्हीलचेयर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी है तो दूसरी तरफ देश के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को पश्चिम बंगाल में नजर आए. वहीं सोमवार को कोयला घोटाले में पूछताछ के लिए सीएम ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी की साली मेनका गंभीर के पति और ससुर को पूछताछ के लिए सीबीआई कार्यालय में तलब किया गया है. इन दोनों से इनकी विदेशी कंपनियों को और इनके विदेशी खातों में आए कथित फंड के बारे में पूछताछ की जाएगी.
सीबीआई के एक आला अधिकारी के मुताबिक इन दोनों को पूछताछ के लिए इसलिए बुलाया गया है क्योंकि अभिषेक बनर्जी की साली मेनका गंभीर ने पिछले दिनों ही पूछताछ में कहा था कि उसे नहीं पता कि उसके खाते में या उसकी कंपनी में पैसे कहां से आए क्योंकि उसका सारा काम उसके पति और ससुर देखते हैं. लिहाजा दोनों को पूछताछ के लिए तलब किया गया है.
लाखों रुपये हुए जमा
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच के दौरान पता चला है कि इन लोगों के कथित विदेशी खातों में कुछ भारतीय लोगों ने विदेशी मुद्रा पाउंड्स के जरिए लाखों रुपये जमा कराए हैं. सीबीआई जानना चाहती है कि इनका आखिर ऐसा कौन सा धंधा है, जिसके चलते इन लोगों ने अपने कथित विदेशी खातों में विदेशी मुद्रा पाउंड्स लिए. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक इस मामले में भारतीय लोगों की पहचान और विदेशी खातों में कुल कितना पैसा जमा कराया गया, इसकी जांच के लिए फाइनेंसियल इन्वेस्टिगेशन यूनिट यानी एफआईयू इंडिया को भी सीबीआई की ओर से पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई है. हालांकि अभी तक उसका कोई जवाब नहीं आया है.
वहीं जवाब आने तक सीबीआई इन लोगों से पूछताछ के चरण पूरा कर लेना चाहती है, जिससे यदि अपने जवाबों के दौरान झूठी जानकारी दें तो एफआईयू की जानकारी आने के बाद वह झूठ पकड़ा जाए. इसके साथ ही सीबीआई ने पश्चिम बंगाल में शिक्षा मंत्री रहे वरिष्ठ टीएमसी लीडर पार्थ चटर्जी को भी 7000 करोड़ रुपये की आई कोर चिटफंड घोटाले में पूछताछ के लिए बुलाया है. सीबीआई जानना चाहती है कि वरिष्ठ टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी के आई कोर कंपनी के कर्ताधर्ता अंकुल मेथी से क्या संबंध थे और वह उनके प्रोग्रामों में अक्सर क्यों जाते थे. क्या इसके लिए उन्हें किसी प्रकार की कोई पेमेंट मिलती थी? पार्थ चटर्जी को पहली बार किसी जांच एजेंसी ने इस घोटाले में पूछताछ के लिए तलब किया है.
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि कॉल घोटाले में अब तक की जांच के दौरान यह बड़ा खुलासा भी हुआ है कि ईस्टर्न कोलफील्ड का एक महाप्रबंधक अपनी सरकारी तनख्वाह के अलावा घोटालेबाजों से एक करोड़ रुपये का सालाना पैकेज भी लेता था. सीबीआई इस मामले में ईस्टर्न कोलफील्ड के अनेक अधिकारियों और सीआईएसएफ के कुछ अधिकारियों को भी पूछताछ के लिए बुलाने जा रही है. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक के आने वाले सप्ताह में इन लोगों से पूछताछ के आधार पर कुछ और बड़े लोगों को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है यानी आने वाले सप्ताह राजनेताओं, नौकरशाहों के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है.
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