कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोला. कल्याणी की रैली में उन्होंने दावा किया कि कूचबिहार जिले में पिछले दिनों मतदान के दौरान हुई हिंसा फर्जी मतदान कराने के उनके ‘‘मास्टर प्लान’’ का हिस्सा थी.


इसके बाद उन्होंने बरासत में एक अन्य रैली में कहा कि मैं जो बोल रहा हूं, 'दीदी, ओ दीदी'  इससे भी उनको गुस्सा आता है. ये गुस्सा करने वाली बात है क्या? मैं तो हैरान हूं कि बंगाल के सैकड़ों बच्चे वीडियो में कह रहे हैं, 'दीदी, ओ दीदी'. बंगाल के हर घर का बच्चा दीदी, ओ दीदी बोलना शुरू कर दिया है.


कल्याणी में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने क्षेत्र के मतुआ सम्प्रदाय के मतदाताओं को लुभाने की कोशिश के तहत तृणमूल कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि दलित वर्ग के लोगों के लिए उसने कुछ नहीं किया. उन्होंने कहा कि मतुआ समप्रदाय के लोगों के लिए हर सुविधा सुनिश्चित की जाएगी क्योंकि उन्हें न्याय दिलाना भाजपा की भावनात्मक प्रतिबद्धता रही है.


प्रधानमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव में अपनी हार सुनिश्चित देख ममता बनर्जी और उनके पार्टी के लोग बौखला गए हैं और सारी सीमाएं तोड़ने पर आमादा हो गए हैं.


उन्होंने कहा, ‘‘दीदी के नेता, खुलेआम बंगाल के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को गालियां देने लगे हैं क्योंकि वे भाजपा का समर्थन करते हैं.’’


पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि अपनी हार सामने देख अब तृणमूल प्रमुख ने इन समुदाय के लोगों को वोट डालने से रोकने की साजिश के तहत एक नई रणनीति अपनाई है.


उन्होंने कहा, ‘‘दीदी की साजिश है, इन वर्गों के लोगों को वोट डालने से रोकना और अपने गुंडों से छप्पा वोट (फर्जी मतदान) डलवाना. खुलेआम कहा जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस के लोग केंद्रीय वाहिनी का घेराव करेंगे और दीदी के बाकी समर्थक छप्पा वोट डालेंगे. चर्चा है कि कूचबिहार में जो हुआ, वो दीदी के इसी छप्पा वोट मास्टर प्लान का हिस्सा था.’’


प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘दीदी ! कान खोलकर सुन लीजिए. आपको किसी मतदाता का अधिकार छीनने नहीं दिया जाएगा.’’


उल्लेखनीय है कि कूचबिहार जिले के सीतलकूची में चौथे चरण के मतदान के दौरान सीआईएसएफ की कथित गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना ने बंगाल में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है.


ममता बनर्जी ने रविवार को इसे “नरसंहार” करार दिया था. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख पर अपना हमला जारी रखते हुए प्रधानमंत्री ने दावा किया उन्हें अहंकार हो गया है इसलिए ‘‘खेला होबे’’ (खेल होगा) की बात बार-बार कर रही हैं.


उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन दीदी, ये मत भूलिए कि ये लोकतंत्र है. यहां जनता जनार्दन ही भगवान है. यहां खेल भी जनता ही शुरु करती है और शेष भी जनता ही करती है.’’


मोदी ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने राजनीतिक हितों और अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए भ्रष्टाचार और हिंसा का सहारा लिया.


उन्होंने दावा किया कि इस बार के चुनाव में राज्य की जनता उनको सबक सिखाएगी. प्रधानमंत्री ने अपने बांग्लादेश के दौरे का उल्लेख करते हुए कहा कि इस दौरान उन्हें मतुआ संप्रदाय के गुरु हरिचंद ठाकुर की जन्मस्थली जाने का मौका मिला लेकिन यहां की मुख्यमंत्री को यह भी पसंद नहीं आया.


उन्होंने कहा, ‘‘दीदी ने इस पर भी सवाल खड़े कर दिए. 10 साल आपने बंगाल के दलितों-पीड़ितों-शोषितों-वंचितों से कैसे नफरत दिखाई है, यह देश अब देख रहा है. आपने न ही मतुआ समाज के मेरे भाइयों-बहनों के लिए कुछ किया और न ही नामशूद्र समाज के लिए.’’


उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां आज आप सभी को आश्वस्त करने आया हूं. यहां भारत मां में आस्था रखने वाले सभी शरणार्थी साथियों को हर सुविधा सुनिश्चित की जाएगी. भाजपा के लिए तो सभी शरणार्थियों, मतुआ और नामशूद्र साथियों को न्याय दिलाना एक तरह से भावनात्मक प्रतिबद्धता भी है.’’


प्रधानमंत्री ने दावा किया कि आर्थिक उन्नति, निवेश और शिल्प ममता सरकार की कभी प्राथमिकता नहीं रही. उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल के लिए उन्नति का मतलब है, अपने कार्यकर्ताओं और गुंडों की उन्नति. तृणमूल के लिए शिल्प है- माफिया, मानव तस्करी, बम बनाना, अवैध कब्जा.’’ 


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