आनंद शर्मा का अधीर रंजन पर पलटवार, 'मैंने नेतृत्व के खिलाफ कभी टिप्पणी नहीं की, संगठन के हित में बात कही'
पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले कांग्रेस में आंतरिक कलह काफी बढ़ गया है. आनंद शर्मा के गठबंधन पर दिए बयान के बाद अधीर रंजन चौधरी भड़क गए हैं. जिसके बाद आनंद शर्मा ने भी पलटवार करते हुए कई सवाल पूछे.
नई दिल्लीः पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान लगातार जारी है. पार्टी नेताओं के बीच लोगों को लगातार वाद-विवाद की खबरें मिल रही है. ऐसे में एक बार फिर आनंद शर्मा ने कहा कि मैंने जो कुछ भी कहा वह सब संगठन के भले के लिए कहा हूं. बगावत को लेकर आनंद शर्मा ने कहा कि बगावत... किसके खिलाफ? सोनिया गांधी के नेतृत्व में हम सब विश्वास करते हैं उनकी प्रशंसा भी करते हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज तक मैंने एक शब्द और कोई भी टिप्पणी नेतृत्व के ख़िलाफ़ नहीं किया हूं. उन्होंने कहा कि मैं राजनीतिक संवाद में सभ्यता को महत्व देता हूं.
इससे पहले कांग्रेस और फुरफुरा शरीफ के अब्बास सिद्दीकी के बीच गठबंधन पर पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने सवाल खड़े किए थे. उन्होंने इस गठबंधन को पार्टी की मूल विचारधारा के खिलाफ बताया था. जिसके बाद पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने इसपर आपत्ति दर्ज कराई थी.
अधीर रंजन चौधरी ने आपत्ति दर्ज करवाते हुए कहा था कि आनंद शर्मा पर बीजेपी को खुश करने वाले बयान दे रहे हैं. इस दौरान अधीर रंजन चौधरी ने आनंद शर्मा को जमकर खरी-खोटी सुनाई. अधीर रंजन ने कहा कि मुझे यह बहुत भी अजीब लग रहा है कि आनंद शर्मा कांग्रेस में रहते हुए किसी और की बात क्यों कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष ने कहा कि उनके बयानों से विपक्ष मजबूत होता है.
अधीर रंजन के बयानों के बाद आनंद शर्मा ने कहा, ''मैंने जो भी कहा है वो मेरी चिंता को व्यक्त करता है क्योंकि हमें कई शंकाएं हैं. हमारा जीवन कांग्रेस के लिए समर्पित रहा है. मैं राजनीतिक संवाद में सभ्यता को महत्व देता हूं. संसद और संसद के बाहर बीजेपी से लड़ने में मेरा रिकॉर्ड है. मुझे कुछ भी स्पष्टीकरण नहीं देना है. सबको पता है मेरे बारे में.''
इस दौरान आनंद शर्मा ने बीजेपी पर भी हमला बोला और कहा, ''भारतीय जनता पार्टी की विश्वनियता लोगों को पता है क्योंकि वो हमेशा सांप्रदायिकता को बढ़ावा देते हैं.''
इससे पहले रविवार को अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया था कि वाम मोर्चा-कांग्रेस और अन्य धर्मनिरपेक्ष ताकतें महागठबंधन कर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और बीजेपी दोनों को हराएगा.
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