क्या बंगाल में लेफ्ट-कांग्रेस को मजबूत कर रही है टीएमसी? बीजेपी ने लगाए ममता और वाम की मिलीभगत के आरोप
बंगाल में बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस पर कांग्रेस और लेफ्ट के साथ मिली भगत के आरोप लगाए हैं. बीजेपी का कहना है कि बंगाल में परिवर्तन की लहर को कमजोर करने के लिए ममता बनर्जी ऐसा कर रही है. ममता बनर्जी लेफ्ट और कांग्रेस को शह दे रही हैं जिससे लोगों का ध्यान भटके. लेकिन इस पूरे मामले के पूछी असली वजह क्या है, यह जानिए....
कोलकाता: बंगाल में जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, रोज गए नए नए विवाद और समीकरण सामने आ रहे हैं. राजधानी कोलकाता में लेफ्ट के कार्यकर्ताओं पर पुलिसिया एक्शन के विरोध में वाम दलों ने आज 12 घंटे का बंगाल बंद बुलाया है. बंद के दौरान लेफ्ट के कार्यकर्ताओं सड़कों पर उतरे. लेफ्टी पार्टियों की स्टूडेंट विंग जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं, इन्हें रोकने के लिए वॉटर कैनन, आंसू गैस के गोले लाठी चार्ज भी किया जा रहा है.
बंगाल में लेफ्ट की अचानक बढ़ी सक्रियता हर किसी को हैरान कर रही है. इस बीच लेफ्ट की इस सक्रियता को लेकर बीजेपी बड़ा आरोप लगा रही है. बंगाल बीजेपी के प्रवक्ता कबीर शंकर बोस ने कहा कि बीजेपी का कहना है कि कूचबिहार और ठाकुरनगर में परिवरत्न यात्रा से ध्यान भटकाने के लिए जानबूझ कर लेफ्ट के कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज किया गया.
बोस ने आरोप लगाया कि इसमें टीएमसी के गुंडे भी शामिल थे. बीजेपी ने कहा कि बंगाल में आज जो परिवर्तन का माहौल है, उसे नष्ट करने के लिए टीएमसी यह सब प्रयास कर रही है. टीएमसी बीजेपी के बजाए लेफ्ट और कांग्रेस पर फोकस कर रही है.
बीजेपी को लेफ्ट के एक्टिव होने से डर क्यों? दरअसल बीजेपी को इस बात की आशंका पहले से थी को वोटों के बंटवारे के लिए टीएमसी ऐसा कुछ कर सकती है. बंगाल में बीजेपी का जो वर्तमान में वोट बैंक है उसमें बड़ी संख्या कभी लेफ्ट के वोटर रहे लोगों की भी है. टीएमसी चाहती है कि बंगाल में चुनाव से पहले अगर लेफ्ट फिर से एक्टिव हो गया तो बीजेपी का वोट बंट सकता है.
सीपीएम को मजबूत होता है पुराना वोटर बीजेपी का साथ छोड़ कर एक फिर लाल सलाम का नारा बुलंद कर सकता है. इस पूरी टूट फूट का फायदा सीधे सीधे टीएमसी को होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने बंगाल दौरे पर हल्दिया में कहा था कि तृणमूल, लेफ्ट और कांग्रेस मिलकर मैच फिक्सिंग कर रहे हैं.
लेफ्ट और कांग्रेस को इतनी तवज्जों क्यों दे रही बीजेपी? बीजेपी बंगाल में टीएमसी के साथ साथ लेफ्ट और कांग्रेस को भी मुख्य प्रतिद्वंदी के तौर पर देख रही है. लोकसभा चुनाव में लेफ्ट और कांग्रेस को भले ही बारह फीसदी वोट मिला हो लेकिन बीजेपी अपनी पकड़ किसी भी तरह से ढीली नहीं करना चाहती है.
दरअसल इसकी वजह है कि टीएमसी चाहती है कि लेफ्ट औऱ कांग्रेस लड़ाई में रहें और इसका फायदा टीएमसी को हो. प्रधानमंत्री मोदी की रैली से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी अलीपुरद्वार में लेफ्ट और कांग्रेस पर हमला कर दोनों पार्टियों ऑक्सीजन देने की कोशिश की थी.
बीजेपी-टीएमसी की लड़ाई में जगह बना रही लेफ्ट-कांग्रेस बंगाल में इस बार मुख्य लड़ाई भले ही बीजेपी और टीएमसी के हो लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि लेफ्ट औऱ कांग्रेस भी धीरे धीरे अपनी जगह बना रहे हैं. सीपीएम और कांग्रेस की सोची समझी चुनावी रणनीति इसके पीछे मुख्य वजह मानी जा रही है.
दोनों दलों ने इस बार सभी सीटों का अच्छे से विश्लेषण करने के बाद तय किया है कि कौन सी पार्टी कहां से लड़ेगी. इसके साथ ही टीएमसी से पर्दे के पीछे से मिल रही मदद भी लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन के लिए संजीवनी मानी जा सकती है. इस गठबंधन के मजबूत होने से ममता बनर्जी को फायदा होगा क्योंकि यह बीजेपी का वोट काटेगा.
सामने से बीजेपी का इनकार लेकिन अंदर खाने चल रही बात! बीजेपी में अंदर खाने इस बात को लेकर चर्चा है लेकिन सामने से पार्टी ऐसी किसी भी संभावना से इनकार कर रही है. बीजेपी नेता वैशाली डालमिया ने कहा कि पार्टी सीपीएम-कांग्रेस को ज्यादा महत्व नहीं देती. बहरहाल बंगाल में जब तक चुनावों के नतीजे नहीं आ जाते तब तक कुछ भी हो सकता है. फिलहाल लेफ्ट और कांग्रेस के मजबूत होने से चुनाव में दो पुराने खिलाड़ियों की वापसी होती जरूर नजर आ रही है.
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