कोलकाता: असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) भी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में उतर रही है. तीन चरण के चुनाव के बाद AIMIM ने अपने सात उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. ये उम्मीदवार 10 अप्रैल को होने वाले चौथे चरण के चुनाव में अपनी किस्मत आजमाएंगे.
पश्चिम बंगाल की इन सात सीटों से चुनाव लड़ेंगे AIMIM के उम्मीदवार
ईथर सीट- मोफक्करुल इस्लाम
जालंगी सीट- अलसौकत जमान
सागरदिघी सीट- नूरे महबूब आलम
भरतपुर सीट- सज्जाद होसैन
मालतीपुर सीट- मौलाना मोतिउर रहमान
रतुआ सीट- सईदुर रहमान
आसनसोल उत्तर सीट- दानिश अज़ीज़
मौलाना मोतिउर रहमान मालतीपुर विधानसभा सीट से AIMIM के उमीदवार हैं, उन्होंने अपना नामांकन भरने के बाद कहा, "मालतीपुर के 47 नंबर विधानसभा सीट के जितने भी लोग हैं, उनकी भलाई के लिए काम करूंगा. उनकी शिक्षा, पानी की समस्या, स्वास्थ्य, रास्ता, और हमारे इस इलाके के 80 % लोग बाहर जाकर काम करते हैं क्योंकि यहां रोजगार नहीं है. इन सब समस्याओं को दूर करने के लिए मैं काम करना चाहता हूं. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन और बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी ने जो मुझे अवसर दिया है यहां से चुनाव लड़ने का, जिस तरह की कामयाबी उनकी पार्टी को हैदराबाद में मिली है वैसी ही मैं यहां भी दिलाना चाहता हूं. मुझे आशा है कि यहां के लोग हमारे साथ हैं और हम ही जीतेंगे. मैं आज अपने माता-पिता और सभी लोगों की दुआओं के साथ नामांकन दाखिल कर रहा हूं."
मोतिउर रहमान ने कहा, "हम लोग जहां भी गए हैं, लोगों ने हमारा साथ दिया है. उन्होंने हमें सहयोग दिया क्योंकि उनको लगा कि उन्नती के लिए इस पार्टी की जरूरत है. यहां के लोग हमें सहयोग कर रहे हैं. 8 अप्रैल को असदुद्दीन ओवैसी आ रहे हैं.”
वहीं टीएमसी ने AIMIM और बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि AIMIM सिर्फ वोट काटने के लिए चुनावी मदन में उतर रही है. टीएमसी के जिला महासचिव मोहम्मद समीउल इस्लाम ने कहा, "असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी के साथ एक योजना बनाई है और ओवैसी को बहुत पैसे भी मिले हैं BJP सरकार की तरफ से. मालदा जिला में कहीं भी AIMIM अपने उमीदवार उतारे, उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. क्योंकि इस बार मालदा के लोग समझ गए हैं कि ममता बनर्जी के अलावा कोई उनकी सहायता नहीं कर सकता. हमने देखा है, बिहार में भी इन लोगों ने वोट काटे थे. यह लोग वोट कटवा हैं. यह लोग सीट जीत नहीं पाएंगे. यह लोग वोट काटने आए हैं. मालदा के लोग बहुत समझदार हैं, वे AIMIM को या फिर और किसी को वोट नहीं देंगे. यहां की जनता सिर्फ ममता बनर्जी को वोट देगी. आम जनता जानती है कि ममता बनर्जी ही तीसरी बार सरकार बनाएंगी.”
टीएमसी को जवाब देते हुए AIMIM के उम्मीदवार ने कहा, “टीएमसी को खुद को देखना चाहिए, वो किसी और राज्य में चुनाव लड़ती हैं, जहां उनका कोई संगठन नहीं है. यहां तो 8-9 वर्ष से हमारा संगठन है. हमने लोगों के लिए काम किया है. चाहे वो फिर तूफान हो या लॉकडाउन हम लोगों के साथ खड़े थे. अब लोगों ने खुद हैदराबाद जाकर यह मांग की है कि यह पार्टी हमें बंगाल में चाहिए. इसलिए हम यहां लड़ रहे हैं. हम यहां किसी का वोट काटने नहीं आए हैं. वोट किसी की निजी सम्पत्ति नहीं है कि हम काट लेंगे. वोट में जितना अधिकार ममता बनर्जी का है उतना ही हमारा भी है. लोकतांत्रिक देश में सबका अधिकार है. हमारे लिए देश सबसे पहले है और देश की सेवा करना हमारा नैतिक धर्म है. हम लोगों के बोलने की परवाह नहीं करते हैं. हम अपना काम करते रहेंगे."
वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस नेता ने कहा है कि AIMIM से उन्हें कोई समस्या नहीं होगी, क्योंकि उनका मालदा में कोई समर्थक नहीं है. कांग्रेस नेता उबैदुल्लाह अहमद चौधुरी ने कहा, "यह गणतंत्र देश है और सभी का अधिकार है, कोई भी कहीं से भी उम्मीदवार हो सकता है. सभी पार्टी का अधिकार है चुनाव लड़ने का. हम कांग्रेस पार्टी से लड़ रहे हैं और कांग्रेस के लिए ही काम करंगे. मुझे नहीं लगता कि AIMIM वोट काटेगी क्योंकि यहां AIMIM का कुछ प्रभाव नहीं है. AIMIM जहां जहां अपने उम्मीदवारों को उतार रही है, मुझे नहीं लगता कि AIMIM की मालदा में कोई जगह है."
मालतीपुर की सबसे बड़ी समस्या है शिक्षा. यहां इतनी बुरी स्थिति है कि कक्षा 9 में पढ़ने वाले छात्र अपना नाम भी लिखना नहीं जानते हैं. यहाँ के 80 फीसदी लोग बाहर काम करते हैं. लॉकडाउन में यहां जो हाहाकार की स्थिति देखी है, उसको बदलना चाहूंगा. अगर यहां कोई व्यवस्था होती तो, लोगों को बाहर नहीं जाना पड़ता. हम लोग पिछड़ गए हैं. हम इस चुनाव में रेल सर्विस की भी मांग करेंगे.
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार है. टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी राज्य की मुख्यमंत्री हैं. 2016 विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने सबसे ज्यादा 211 सीटें जीतकर सरकार बनाई थीं. वहीं कांग्रेस ने 44, लेफ्ट ने 26 और बीजेपी ने मात्र तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि अन्य ने दस सीटों पर जीत हासिल की थी. यहां बहुमत के लिए 148 सीटें चाहिए.