कोलकाता: चुनाव आयोग ने सीतलकुची में मतदान केंद्र संख्या 126 के बाहर गोलीबारी की घटना पर डीएम और एसपी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी आरीज अफताब ने यह जानकारी दी. इसके साथ ही आरीज अफताब ने बताया कि इसी निर्वाचन क्षेत्र के बूथ संख्या 285 के बाहर एक व्यक्ति की मौत के मामले में 2 लोगों को हिरासत में लिया गया है.
बता दें पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले में शनिवार को स्थानीय लोगों द्वारा हमला किए जाने के बाद सीआईएसएफ ने कथित तौर पर गोलियां चलाई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई. ऐसा आरोप है कि स्थानीय लोगों ने सीआईएसएफ जवानों की राइफलें छीनने की कोशिश की. वहीं टीएमसी ने दावा किया कि मारे गए चार लोग उसके समर्थक थे.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह घटना सीतलकूची में हुई, जब मतदान चल रहा था. उन्होंने बताया, 'प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार एक गांव में अपने ऊपर हमला किए जाने के बाद सीआईएसएफ जवानों की गोलीबारी में चार लोग मारे गए. वहां झड़प हुई और स्थानीय लोगों ने उनका घेराव कर दिया और उनकी राइफलें छीनने की कोशिश की. जिसके बाद केंद्रीय बलों ने गोलियां चलाई. विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है.'
सुरक्षाबलों की ओर से बयान जारी
वहीं इस मामले पर सुरक्षाबलों की ओर से बयान भी जारी किया गया है. बयान में कहा गया है कि सुबह करीब साढ़े नौ बजे इसकी शुरुआत तब हुई जब एक इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में सीआईएसएफ की टीम स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर सीतलकूची विधानसभा क्षेत्र के जोर पातकी इलाके की निगरानी कर रही थी. उन्होंने बताया कि बल अमताली माध्यमिक शिक्षा केंद्र में बने मतदान केंद्र संख्या 126 और आसपास के क्षेत्रों में मतदाताओं को पहुंचने से रोकने का प्रयास करने वाले तत्वों को हटा रही थी.
बयान में कहा गया है कि सुरक्षाबलों ने करीब 50-60 लोगों की भीड़ को हटाने का प्रयास किया और इसी क्रम में एक बच्चा गिर गया और घायल हो गया. इसके बाद कुछ बदमाशों ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) को लेकर जा रहे चार पहिया वाहन और उसमें सवार कर्मियों पर हमला कर दिया.
वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'क्यूआरटी ने आत्मरक्षा में कार्रवाई करते हुए भीड़ को हटाने के लिए हवा में छह गोलियां चलायीं. बाद में डिप्टी कमांडर रैंक का अधिकारी और सीआईएसएफ यूनिट (567/चार्ली कंपनी) के प्रभारी मौके पर पहुंचे और भीड़ को शांत कराया. फिर अधिकारी वहां से चले गए.'
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