Bengal Election: पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने स्टार पावर का जमकर इस्तेमाल शुरू कर दिया है. गोरखपुर से बीजेपी सांसद और भोजपुरी फ़िल्म स्टार रवि किशन ने कहा कि इस चुनाव में मोदी की लहर चल रही है. उन्होंने कहा कि चाय की गर्मी के साथ मोदी के नाम की गर्मी चल रही है. गुंडागर्दी से बंगाल को परिवर्तन चाहिए. बाहरी लोगों की तरफ से हिंसा वाले ममता बनर्जी के बयान पर उन्होंने कहा कि बंगाल को बंगाल बनाने में यूपी और बिहार के लोगों का भी बराबर का योगदान है.


रवि किशन ने कहा कि कल नन्दीग्राम में रेप की घटना हुई जहां ममता बनर्जी प्रत्याशी हैं. बंगाल में आज भी बम फेंके जा रहे हैं, घरों में बम बरामद हो रहे हैं. दीदी को लगता है कि बंगाल भारत का हिस्सा ही नहीं है. रवि किशन का दावा है कि जहां टीएमसी के झंडे लगे हैं वहां भी लोग कह रहे हैं कि वोट बीजेपी को देंगे. वे दावा करते हैं कि उनकी 4 में से 2 सभाओं को राजनीतिक कारणों से रद्द कर दी गई और उनको वाई प्लस सुरक्षा होने के बावजूद सिर्फ एक सुरक्षाकर्मी मिला है. दुबला पतला सुरक्षाकर्मी उनकी सुरक्षा नहीं कर रहा बल्कि वो सुरक्षाकर्मी की रक्षा कर रहे हैं.


बीजेपी सांसद ने कहा कि बंगाल में लोग अभी भी कीड़े वाला पानी पी रहे हैं. बंगाल में केंद्र की योजनाओं का फ़ायदा लोगों को नहीं मिल रहा है. केंद्र से न जुड़ने की वजह से समरसता नहीं बन पा रहा है. बंगाल कभी सोनार बांगला था, उसको फिर से सोनार बांगला बनाना है.


गोत्र के विवाद पर रवि किशन ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करना चाहिए क्योंकि उन्होंने सभी को गोत्र याद दिला दी, मंत्र पढ़वा दिया और मंदिर भेज दिया. रवि किशन ने अपना गोत्र गर्ग बताया और कहा कि जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल चुनाव में हो रहा है, उससे पता चलता है कि चुनाव का स्तर नीचे गिरा दिया गया है.


जय श्री राम के नारे पर उन्होंने कहा कि लोग जिससे चिढ़ते हैं लोग उसको लेकर चिढाएंगे. ममता दीदी अब मंत्र बोलने लगी हैं तो अब उन्हें जय श्री राम भी बोलना चाहिए. राम के नारे पर दीदी बिलबिला उठती हैं. इशरत जहां केस पर उन्होंने कहा कि कोर्ट के हर फ़ैसले का सम्मान होना चाहिए. अंत में उन्होंने लोगों से पूछा कि वो क्या सुनना चाहते हैं और लोगों की मांग पर उन्होंने 'जइसन सोचले रहलें वइसन मोदी जी एक बाड़े' और 'दिल दिया है जान भी देंगे' गाना सुनाया.


अपना गोत्र बताने से ममता बनर्जी को फायदा होगा या नुकसान?