Bengal Elections 2021: पश्चिम बंगाल में पहले चरण की वोटिंग में अब सिर्फ दस दिन का समय बचा है. इससे पहले बीजेपी और सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के बीच वार पलटवार का सिलसिला और तेज हो गया है. बीजेपी ने अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निजी हमले से बचने की रणनीति तैयार की है. इसके लिए बीजेपी ने बाकायदा अपने पदाधिकारियों को नसीहत दी है.


बीजेपी ने नेताओं से रहा है कि वह चुनावी मंचों से ममता बनर्जी पर निजी टिप्पणी करने की बजाय बंगाल सरकार की 10 साल की नाकामियों को जनता के बीच रखें. सूत्रों के मुताबिक, बीती रात कोलकाता में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह की बैठक में ये रणनीति तैयार की गई. इस बैठक में बंगाल बीजेपी कोर कामेटी के सदस्य भी मौजूद थे.


ममता बनर्जी जनता की सहानुभूति लेने की योजना में- बीजेपी


दरअसल बीजेपी का मानना है कि ममता बनर्जी जनता की सहानुभूति लेने की योजना में हैं और अगर बीजेपी उनपर हमला करती है तो ममता जनता की सहानुभूति पाने में सफल हो जाएगी. बीते एक हफ्ते के दौरान नंदीग्राम चर्चा में रहा. नंदीग्राम में ही ममता बनर्जी के पैर में चोट लगी और उसके दो दिन बाद ही ममता बनर्जी पुरुलिया की जनसभा में व्हीलचेयर पर पहुंच गई और उन्होंने बहुत भावनात्मक भाषण दिया.


बीजेपी का मानना है कि ममता बनर्जी ऐसा करके जनता की सहानुभूति लेना चाहती हैं और राज्य सरकार की नाकामियों पर पर्दा डालना चाहती हैं. बीजेपी का यह भी मानना है कि ममता बनर्जी सोच समझकर बंगाल के जमीनी मुद्दों को भटकाना चाहतीं हैं.


बंगाल के स्थानीय मुद्दों को रैलियों और नुक्कड़ सभाओं में उठाएं- अमित शाह


अब बीजेपी का फोकस बंगाल सरकार के 10 साल के कुशासन, भ्रस्टाचार, रक्त रंजित राजनीति और बेरोजगारी पर ही रहेगा. ताकि ममता बनर्जी को सहानुभूति बटोरने का कोई मौका न मिल सके. इस बैठक के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कोर कामेटी के सदस्यों को निर्देश दिया कि बंगाल के स्थानीय मुद्दों को ज्यादा से ज्यादा रैलियों और नुक्कड़ सभाओं में उठाया जाए.


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