कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक तरफ तृणमूल कांग्रेस है तो दूसरी तरफ बीजेपी और इन दोनों के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है. लेकिन सबके बीच कांग्रेस और लेफ्ट ने भी अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे हुए हैं और अब कांग्रेस को अपनों की ही खिलाफत का डर भी सताने लगा है. कांग्रेस नेता प्रदीप भट्टाचार्य ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार और आरजेडी के तेजस्वी यादव को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि वह बंगाल में टीएमसी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने ना आएं, क्योंकि इससे मतदाताओं में असमंजस की स्थिति बनेगी. जानकारी के लिए यह दोनों ही दल कांग्रेस के अलग-अलग प्रदेशों मे कांग्रेस के सहयोगी दल हैं लेकिन पश्चिम बंगाल में यह ममता बनर्जी का समर्थन कर रहे हैं.


कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने शरद पवार और तेजस्वी यादव को चिट्ठी लिखकर कहा है कि उनको पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस के समर्थन में प्रचार करने नहीं आना चाहिए क्योंकि इससे मतदाताओं के बीच असमंजस की स्थिति बनेगी. प्रदीप भट्टाचार्य ने दोनों ही नेताओं को चिट्ठी इस वजह से भेजी है क्योंकि शरद पवार और तेजस्वी यादव दोनों ने ही ऐलान किया है कि वह ममता बनर्जी के समर्थन के लिए बंगाल में चुनावी सभाएं करेंगे.


शरद पवार और तेजस्वी अगर ममता बनर्जी के समर्थन में पश्चिम बंगाल चुनावों में चुनावी सभाएं करेंगे तो वह एक तरह दे ममता बनर्जी की जीत के लिए वोट मांगेंगे और ऐसा करके वह बीजेपी के खिलाफ प्रचार करेंगे ही साथ ही कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन का भी विरोध करेंगे. कांग्रेस पार्टी और नेता प्रदीप भट्टाचार्य की चिंता का विषय भी यही है.


गौरतलब है कि एनसीपी और आरजेडी वो राजनैतिक पार्टियां हैं जिनके साथ कांग्रेस अलग-अलग प्रदेशों में गठबंधन कर चुनाव लड़ती है या सरकार चला रही है. मसलन महाराष्ट्र में एनसीपी शिवसेना और कांग्रेस का गठबंधन है और वह सत्ता पर काबिज है तो वहीं हाल ही में संपन्न हुए हुए बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी के साथ मिलकर कांग्रेस ने चुनाव लड़ा था. ऐसे में कांग्रेस के लिए असमंजस की स्थिति यह है कि जो उसके सहयोगी दल हैं वही उसकी खिलाफत करने की तैयारी कर रहे हैं और अगर ऐसा होता है तो निश्चित तौर पर यह कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका ही माना जाएगा.


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