पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में गुरुवार को राज्य की 30 सीटों पर छिटपुट हिंसाओं के बीच वोटिंग हुई. इस दौरान जहां टीएमसी के केशपुर उम्मीदवार घायल हुए तो वहीं दूसरी तरफ शुभेंदु के काफिले पर दो जगहों पर कथित रूप से उस वक्त पथराव किया गया जब वे विधानसभा क्षेत्र में मतदान केंद्रों का दौरा कर रहे थे. इधर,  मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग के सामने 63 शिकायतें दर्ज की है. पश्चिम बंगाल की सीएम ने आगे कहा- “मैं नंदीग्राम को लेकर चिंतित नहीं हूं बल्कि लोकतंत्र को लेकर दुखी हूं. मां, माटी और मानुष के आशीर्वाद से मैं नंदीग्राम जीत जाऊंगी.”


ममता का पक्षपात का आरोप


उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा- “गृह मंत्री खुद सीआरपीएफ, बीएसएफ और अन्य जवानों को यह निर्देश दे रहे हैं कि वे सिर्फ बीजेपी और उनके लोगों की मदद करें.  मैं चुनाव आयोग से उनकी चुप्पी के लिए खेद प्रकट करती हूं. हमने कई पत्र लिखे हैं लेकिन वे एकतरफा बीजेपी उम्मीदवारों का समर्थन कर रहे हैं.” टीएमसी ने चुनाव आयोग के सामने शिकायत की है कि म्योना विधानसभा क्षेत्र में 8 बूथ पर बीजेपी कार्यकर्ताओं पर कैप्चरिंग का आरोप लगाया.


ममता के आरोपों पर चुनाव आयोग का जवाब


 इधर, चुनाव आयोग ने कहा कि मीडिया ने पश्चिम बंगाल की सीएम के कथित तौर पर घेरने की घटना को कवर किया. इसके साथ ही, नंदीग्राम सीट के पोलिंग स्टेशन नंबर 7 पर भीड़ के बारे में बताया गया, जिसकी वजह से मतदान में बाधा आ रही थी. लेकिन जनरल ऑब्जर्वर्स हेमेन दास और पुलिस ऑब्जर्वर्स आशुतोष रॉय से कहा गया कि वे मौके पर जाए.


चुनाव आयोग ने कहा कि बोयल मोक्ताब प्राइमरी स्कूल पोलिंग स्टेशन (नंदीग्राम) की शाम 4 बजकर 6 बजे की रिपोर्ट के मुताबिक जनरल ऑब्जर्वर हेमेन दास ने यह रिपोर्ट दी कि पोलिंग में कोई बाधा नहीं आई थी.


चुनाव आयोग ने कहा कि एक अलग से शिकायत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की तरफ से मुख्य निर्वाचन अधिकारी के माध्यम से दोपहर बाद मिली है. उसे स्पेशल जनरल ऑब्जर्वर अजय नायक और स्पेशल ऑब्जर्वर विवेक दूबे को भेजा गया है. उन्हें कल शाम छह बजे तक रिपोर्ट देने को कहा गया है.


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