West Bengal Flood: बारिश-बाढ़ से बुरा हाल, बंगाल में 3 लाख लोग प्रभावित, फसल को बचाने की कोशिश कर रहे किसान
West Bengal Flood: 50 हजार हेक्टेयर से ज्यादा धान के खेत तबाह हो चुके हैं. लोग एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए छोटी नावों का इस्तेमाल कर रहे हैं और यहां कोई नदी नहीं है. पूरा क्षेत्र धान का खेत है.
West Bengal Flood: देश के अलग-अलग हिस्सों में बाढ़ के कारण हाल बेहाल हो रहा है. पश्चिम बंगाल में बीते दिनों हो रही लगातार बारिश के कारण स्थिति गंभीर होती जा रही हैं. बंगाल के कई इलाकों में बाढ़ की घटनाओं की वजह से करीब 3 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. किसान अपनी बची कुछ फसलों को बचाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. बंगाल के कई जिले बाढ़ की चपेट में है. हावड़ा, हुगली, पश्चिम मिदनापुर, पूर्वी मिदनापुर में लाखों लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं क्योंकि घरों की हालत बहुत खराब हैं. यह पूरा क्षेत्र धान का खेत है.
बता दें कि इस समय 50 हजार हेक्टेयर से ज्यादा धान के खेत तबाह हो चुके हैं. लोग एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए छोटी नावों का इस्तेमाल कर रहे हैं और यहां कोई नदी नहीं है. पूरा क्षेत्र धान का खेत है. इलाके में ऐसे घर भी हैं जो पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं और एक गांव से दूसरे गांव जाने के लिए सड़कों की जगह नावों का इस्तेमाल किया जाता है. बारिश बढ़ रही है और बदलाव हो रहे हैं या और बढ़ रहे हैं. चूंकि यह मानसून का मौसम है, इसलिए बारिश भी बढ़ जाती है.
धान के सारे खेत बर्बाद
किसान असित ने बताया कि धान के सारे खेत बर्बाद हो गए हैं. हम अब अपने घरों में नहीं रह सकते. 10 फुट ऊंचाई का पानी बढ़ गया है. कल से पानी कम हो रहा है. कुछ को छोड़कर सब कुछ बह गया है. वहीं लोगों को बचाने के लिए भारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है या एनडीआरएफ की टीमें पिछले 2-3 दिनों से इन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रही हैं.
10 फीट पानी
एनडीआरएफ की टीम के सदस्य संदीप कुमार झा ने बताया कि हमारे यहां जो हालात हैं, घरों के अंदर कम से कम 10 फीट पानी है. हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती कोविड की स्थिति है. कोविड परिदृश्य में हमें अपनी सुरक्षा का भी ध्यान रखना होगा ताकि वायरस न फैले. हम निकासी भी कर रहे हैं. स्थिति के कारण बहुत से लोगों को भोजन प्राप्त करने में भी कठिनाई हो रही है. इसलिए उस समय जो भी भोजन संभव है, हम उनका लाभ उठाते हैं.
एनडीआरएफ की कुल 16 टीमें 4 जिलों में लोगों को बचाने और सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का काम कर रही है. ट्रैक्टरों द्वारा कारों और ट्रकों को ले जाया जा रहा है. पानी के भीतर होने के कारण राजमार्ग बंद हैं. यह एक चुनौती है क्योंकि अगले कुछ दिनों के लिए बारिश का पूर्वानुमान है. खेत, सड़क, रास्ता सब कुछ इस समय जलमग्न हैं. वहीं स्थानीय निवासी नाव का सहारा ले रहे है.
यह भी पढ़ें:
Kanpur Flood: कानपुर में घरों में घुसा बाढ़ का पानी, नाव से आने जाने को मजबूर लोग, सैकड़ों ने किया पलायन
प्रयागराज: गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात, हाई अलर्ट पर स्थानीय प्रशासन