Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता रेप मर्डर केस पर देशभर में जारी बवाल के बीच मंगलवार (03 सितंबर) को बंगाल सरकार ने विधानसभा में महिला सुरक्षा पर बिल पेश किया. ‘अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक' में दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा देने का प्रावधान है. 


इस बिल पर भारतीय जनता पार्टी के नेता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को घेर रहे हैं. इसी क्रम में बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करके ममता बनर्जी पर निशाना साधा है. 

नए विधेयक पर ममता बनर्जी?


मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया, 'जो समाज अपनी महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकता, वो कभी भी आदर्श नहीं हो सकता. पश्चिम बंगाल सरकार ने आज मौजूदा आपराधिक कानूनों में खामियों के कारण उत्पन्न प्रासंगिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए ऐतिहासिक अपराजिता बलात्कार विरोधी विधेयक पारित किया है. आइए एकजुट होकर इस खतरे का सामूहिक रूप से सामना करें.'


क्या बोले अमित मालवीय?


अमित मालवीय ने लिखा, 'बंगाल विधानसभा में पारित नए बलात्कार विरोधी कानून की आड़ में सीएम ममता बनर्जी अपनी आपराधिक मंशा को छिपा नहीं सकतीं. ये प्रयास कोलकाता के अस्पताल में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के बाद भड़के विरोध से ध्यान भटकाने के लिए है. नए बलात्कार विरोधी कानून को करीब से देखें तो पता चलता है कि ये बलात्कार के मामलों में न्यायिक कार्यवाही की रिपोर्टिंग को सीमित करने का प्रयास कर रहा है.'


'मीडिया को चुप कराने की कोशिश'


अमित मालवीय ने आगे लिखा, 'ममता मीडिया को चुप कराने की कोशिश क्यों कर रही हैं? अगर ममता सच में महिला अपराधों से निपटने के लिए गंभीर हैं तो उन्हें तुरंत बंगाल विधानसभा में शेख शाहाजहां का बचाव करने के लिए संदेशखाली कि महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए. घोषणा करनी चाहिए कि इस नए कानून के तहत पहला बलात्कारी शेख शाहजहां होगा जिसे फांसी पर लटकाया जाएगा. महिला अपराधों की रिपोर्टिंग के वक्त प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाले हिस्से तो तुरंत हटाना चाहिए. जब तक इन सभी बातों पर अमल नहीं होता, तब तक ये साफ है कि वो ईमानदार नहीं हैं.'


'ड्रामेबाजी कर रही हैं ममता बनर्जी'


केंद्रीय मंत्री सुकांता मजूमदार ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रस्तुत बलात्कार विरोधी विधेयक पर कहा, 'ममता बनर्जी ड्रामेबाजी कर रही हैं. वह जो विधेयक लेकर आई हैं, वह पूरी तरह से असंवैधानिक है क्योंकि भारत का संविधान कहता है कि अगर केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों किसी चीज पर विधेयक लाती हैं, तो केंद्र का कानून मान्य होगा. न्याय संहिता पहले से मौजूद है, जिसे लागू भी किया गया है और जिसमें मृत्युदंड का भी प्रावधान है.'


शिवराज ने किया वार


केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में ममता बनर्जी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'ममता बनर्जी में संवेदना नहीं है. मध्य प्रदेश में इस तरह का कानून 2017 में बना दिया गया था, अगर कोई बेटियों के साथ दुष्कर्म करेगा तो उसे फांसी की सजा दी जाएगा और 42 लोगों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है. ममता बनर्जी ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी की घटना से ध्यान भटकाने के लिए ये कानून लेकर आई हैं. इस कानून को पहले क्यों नहीं लाया गया, ममता बनर्जी ने पहले संवेदनशीलता क्यों नहीं दिखाई. क्या इस कानून से शेख शाहजहां जैसे लोग भी फांसी की सजा पाएंगे? ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के कानून बनाने का कोई अर्थ नहीं है.'


 


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