West Bengal Government Employees DA: महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोतरी की मांग को लेकर शुक्रवार (1-0 मार्च) को पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों के कुछ संगठनों हड़ताल बुलाई है. हड़ताल को देखे हुए ममता बनर्जी सरकार ने कर्मचारियों से कहा है कि उस दिन कोई छुट्टी नहीं दी जाएगी और गैर-मौजूदगी को सेवा में ब्रेक माना जाएगा.
राज्य के वित्त विभाग ने गुरुवार (9 मार्च) को एक आदेश जारी किया. जिसके अनुसार राज्य सरकार से सहायता प्राप्त सभी कार्यालय जैसे शैक्षणिक संस्थान 10 मार्च को खुले रहेंगे और सभी कर्मचारी उस दिन ड्यूटी पर रिपोर्ट करेंगे. आदेश में कहा गया है, "10 मार्च को किसी भी कर्मचारी को दिन के पहले पहर में या दूसरे पहर में या पूरे दिन के लिए कोई आकस्मिक छुट्टी या किसी अन्य तरह की छुट्टी नहीं दी जाएगी."
वेतन तब तक स्वीकार्य नहीं होगा जब तक...
वित्त विभाग के आदेश में आगे कहा गया है, "उस दिन कर्मचारियों की गैर-मौजूदगी को सेवा में ब्रेक के तौर पर माना जाएगा. ऐसे में किसी का भी वेतन तब तक स्वीकार्य नहीं होगा जब तक कि ऐसी अनुपस्थिति कर्मचारियों के अस्पताल में भर्ती होने, परिवार में शोक, 9 मार्च तक गंभीर बीमारी न हो."
इन पर कार्रवाई नहीं होगी
हालांकि, आदेश के अनुसार, 9 मार्च से पहले स्वीकृत चाइल्ड केयर लीव, मैटरनिटी लीव, मेडिकल लीव और अर्नड लीव पर रहे कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. पश्चिम बंगाल के 18 संगठनों के प्रदर्शनकारी कर्मचारी मांग कर रहे हैं कि उनके डीए को केंद्र सरकार में के कर्मचारियों के बराबर बढ़ाया जाए. इसको लेकर कर्मचारी हड़ताल करने के फैसले पर अड़े हुए हैं.
लेकिन हम हड़ताल करेंगे
आंदोलनकारी कर्मचारियों के नेताओं में से एक ने कहा, "सरकार जो भी कदम उठाएगी, हम हड़ताल करेंगे." वहीं, इस हफ्ते की शुरुआत में, कर्मचारियों ने सरकार की कार्रवाई की चेतावनी को दरकिनार करते हुए, इस मुद्दे पर 48 घंटे का पेन-डाउन आंदोलन किया.
सीएम ममता बनर्जी का बयान
बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस हफ्ते की शुरुआत में विधानसभा में कहा था कि अगर प्रदर्शनकारी उनका सिर कलम कर देते हैं तो भी वह महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की मांग को पूरा नहीं कर पाएंगी.
गुरुवार को सरकार के आदेश में सभी संबंधित कार्यालयों के प्रमुखों या नियंत्रक अधिकारियों को शुक्रवार को गैर-मौजूदगी रहने वाले कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए कहा गया है. हालांकि, आदेश में कहा गया है, ''संतोषजनक जवाब मिलने पर उपरोक्त आधार पर दस्तावेजी सबूत पेश करने पर बकाया और स्वीकार्य छुट्टी दी जा सकती है.'' आदेश में कहा गया है कि कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं देने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.