West Bengal Governor: पश्चिम बंगाल में तत्कालीन राज्यपाल जगदीप धनखड़ बनाम ममता बनर्जी की लड़ाई खूब चर्चा में रही. विधानसभा चुनाव से पहले और उसके बाद दोनों के बीच तल्खी लगातार देखी गई. इसी बीच अब पश्चिम बंगाल को सीवी आनंद बोस के तौर पर अपना नया राज्यपाल मिल गया है, जो  केरल कैडर के 1977 बैच के (सेवानिवृत्त) भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं. बोस ने मोदी सरकार के कई अहम प्रोजेक्ट्स में काम किया है और उनकी कई सलाहों को सरकार ने लागू भी किया. पश्चिम बंगाल का इतिहास देखते हुए अब ममता से उनके रिश्तों को लेकर सवाल उठ रहे हैं. इसी बीच सीवी आनंद बोस ने राज्यपाल बनने के बाद अपना पहला बयान दिया है. 


राज्यपाल को अच्छे रिश्तों की उम्मीद
पश्चिम बंगाल के नए राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने ये साफ कर दिया है कि वो किसी भी तरह के झगड़े में नहीं उलझने वाले हैं. उन्होंने राज्यपाल का पद संभालने के बाद इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि वो केंद्र और राज्य सरकार के बीच एक ब्रिज की तरह काम करेंगे. जिससे तमाम मुद्दों का हल आपसी सहयोग से निकाला जा सके. एक्सप्रेस से बातचीत में नए राज्यपाल बोस ने कहा कि “मैं चुनी हुई सरकार के साथ सौहार्दपूर्ण रिश्तों की उम्मीद करता हूं. राज्यपाल की भूमिका राज्य के प्रमुख के तौर पर होती है. मैं संविधान के हिसाब से काम करने के लिए अपना पूरा सहयोग देना चाहूंगा."


राष्ट्रपति ने किया नियुक्त
सी. वी. आनंद बोस (71) को गुरुवार 17 नवंबर को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया. राष्ट्रपति भवन की तरफ से इसे लेकर एक रिलीज जारी हुई, जिसमें ये जानकारी दी गई. बोस ने 2011 में रिटायर होने से पहले राष्ट्रीय संग्रहालय में एक प्रशासक के रूप में काम किया था. मणिपुर के राज्यपाल ला गणेशन इस साल जुलाई में जगदीप धनखड़ को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की तरफ से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किए जाने के बाद से पश्चिम बंगाल का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे. बोस ने अपने कैडर राज्य केरल और केंद्र दोनों में अलग-अलग पदों पर काम किया है. अब वो पश्चिम बंगाल के राज्यपाल का पदभार संभालेंगे. 


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