Relief To West Bengal Governor: 'राजभवन में उस रात...', बंगाल के राज्यपाल को यौन उत्पीड़न मामले में क्लीन चिट, भड़क गई TMC
CV Ananda Bose: इन-हाउस न्यायिक जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस को कथित यौन उत्पीड़न मामले में क्लीन चिट दी गई है.
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Bengal Governor: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के लिए राहत की खबर है. दरअसल, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस पर राजभवन की एक महिला कर्मचारी के लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को इन-हाउस न्यायिक जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट में निराधार बताया गया है. हालांकि, इस रिपोर्ट पर टीएमसी ने ऐतराज जताया है.
इस संबंध में एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा की गई इन-हाउस न्यायिक जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट शनिवार को राज्यपाल के कार्यालय ने जारी की. सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश डी. रामबाथिरन की जांच रिपोर्ट के मुताबिक 24 अप्रैल और दो मई को राजभवन में कथित घटना के संबंध में शिकायतकर्ता का आरोप आधारहीन और तथ्यों से परे है
आठ कर्मचारियों से हुई पूछताछ
रिपोर्ट के अनुसार, जांच के दौरान सेवानिवृत्त न्यायाधीश ने राजभवन के आठ कर्मचारियों से पूछताछ की. इनमें राज्यपाल के सहयोगी मेजर निखिल कुमार और मनीष जोशी, टेलीफोन ऑपरेटर कावेरी कर, अटेंडेंट साइमा बेगम, सुपरवाइजर मुन्ना चौधरी, अटेंडेंट कुसुम छेत्री, चपरासी संत कुमार लाल और ओएसडी संदीप कुमार सिंह शामिल हैं.
पीएम मोदी का जिक्र
रिपोर्ट में कहा गया है कि दो मई को, जिस दिन राज्यपाल के खिलाफ राजभवन की महिला संविदा कर्मचारी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, उस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता में थे और राजभवन में एक रात रुके थे. इसके लिए विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के सदस्य पहले से ही शहर में थे. रिपोर्ट ने उस दिन ऐसी घटना होने की संभावना पर सवाल उठाया गया है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि राजभवन की किसी भी महिला कर्मचारी ने जांच के दौरान राज्यपाल के खिलाफ ऐसी कोई आशंका नहीं जताई. उधर, आंतरिक रिपोर्ट को गलत बताते हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने कहा कि यह एक दिखावा है. राज्यपाल ने खुद ही जांच करवाकर खुद को क्लीन चिट दे दी है. उन्होंने देश के दक्षिणी राज्य के सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश से जांच करवाने के औचित्य पर भी सवाल उठाया.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला कर्मचारी की याचिका पर केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा था. वहीं मांग की गई थी कि पुलिस को गर्वनर सीवी आनंद बोस के खिलाफ जांच की अनुमति दी जाए.
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